Sawan ka Maheena :  इस बार सावन का महीना करीब दो महीने का होने जा रहा है। शहर के विभिन्न हिस्सों में सावन के पहले सोमवार को लेकर भक्तों में भारी उत्साह रहा। सुबह से ही शहर के साथ ही जिले के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और चारों तरफ  हरहर महादेव की गूंज रही। महिलाओं ने कतारबद्ध होकर महादेव की दूध-दही से स्नान कराकर पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद प्राप्त किया। शहर के प्रमुख शिवमंदिर महामृत्युंजय में हजारों लोग एक साथ कतारबद्ध रहे।

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पहले सोमवार की वजह से यहां पर अन्य दिनों की तुलना में अधिक संख्या में लोग पहुंचे। लोगों के भीड़भाड़ को देखते हुए एहतियात के तौर पर पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम किए थे और बेरिकेडिंग भी कर रखी थी। महामृत्युंजय मंदिर किला, शिव मंदिर कोठी एवं शहर के मोहल्लों में स्थित अन्य मंदिरों में सुबह से ही लोग जल चढ़ाने के लिए कतारबद्ध होकर खड़े रहे और अपनी बारी आने के बाद जल और दूध के साथ बेलपत्र, दूब, फूल आदि चढ़ाए।

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बताया गया है कि जिले के देवतालाब में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यहां पर मंदिर के भीतर स्थान कम होने और भीड़ अधिक होने की वजह से लोगों को गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन कराया गया। साथ ही जलाभिषेक के लिए बाहर पात्र लगाए गए ताकि लोग वहां से जल चढ़ा सकें। इसी तरह कष्टहरनाथ गुढ़, ढुंढेश्वरनाथ खजुहा, अडग़डऩाथ, सोहागी सहित अन्य शिव मंदिरों में भी भक्तों की भरी भीड़ रही। दूर-दूर से भक्त पहुंचे और विशेष पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। वहीं महिलाओं ने पूजा अर्चना करके सोलह सोमवार के व्रत का संकल्प भी लिया। 
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nसावन का पहला सोमवार
nशिव मंदिरों में सोमवार के दिन वैसे भी भीड़ रहती है। सावन महीने में इस दिन का महत्व बढ़ जाता है और लोग दर्शन के लिए जरूर पहुंचते हैं। इसी के चलते शिवालयों में भक्तों की कतार लगी रही, हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। जल व पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराया गया। इसके बाद दूध, दही, मिश्री, मधु, चन्दन का इत्र, बेलपत्र, केसर, भांग, भस्म, शमी के पत्ते, यज्ञोपवीत तथा वस्त्र अर्पित किया गया। शिव शंभू भस्म धारी हैं, इसलिए भस्म भी चढ़ाकर शिव की पूजा-अर्चना की गई।
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n नारियल चढ़ाकर लगाते हैं अर्जी
nमहामृत्युंजय मंदिर के पुजारी वनस्पति त्रिपाठी बताते हैं कि किला परिसर में महाराजाओं द्वारा भगवान शिव की स्थापना की गई थी। ऐसी प्रतिमा विश्व में और कहीं नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यहां विराजमान महादेव मृत्यु को भी टाल देते हैं। महामृत्यंजय भगवान को श्रीफल(नारियल) से अर्जी लगाई जाती है। अधिकांश भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए वह बार-बार दर्शन को आते हैं।
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n इस बार सावन में आठ सोमवार
nइस बार सावन में अधिकमास लग रहा है। जिससे हिन्दू वर्ष में एक महीने की गणना नहीं होगी। इस कारण सावन का महीना ५९ दिन का होगा और इसमें आठ सोमवार पड़ेंगे। यह संयोग १९ वर्ष के बाद आया है। इस कारण महिलाएं इस दुर्लभ संयोग को यादगार बनाने और इसका लाभ लेने के लिए व्रत रहकर विशेष पूजा-अर्चना करने की तैयारी में हैं। पहले सोमवार को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह रहा। कहते हैं कि श्रावण मास में मां पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त किया था। यही कारण है कि सुहाग के लिए महिलाएं और इच्छित वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं सोमवार का व्रत रखते हुए भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करती हैं।
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nभंडारों का भी हुआ आयोजन
nशहर में जगह-जगह भंडारे भी आयोजित किए गए। लोग शिवमंदिरों या फिर किसी अन्य सार्वजनिक स्थल पर भंडारा आयोजित कर लोगों को प्रसाद वितरित करते हैं। कुछ लोगों ने बताया कि पहले सोमवार का महत्व अधिक होता है इसलिए उनकी ओर से भंडारे के लिए यह दिन चुना गया।
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