Friday, February 7


रीवा। भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ल को लेकर नया विवाद सामने आया है। आरोप है कि आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। 
nआफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी के चलते रीवा जिले के अंदर बसोर समाज के सुअर पशुपालकों के हजारों की संख्या में सुअर मृत हो गए थे तथा जो कुछ बचे थे उन्हें विटनरी विभाग ने जहरीले इंजेक्शन देकर मरवा दिया था।
n ऐसी आपदा पर मध्यप्रदेश राजस्व परिपत्र में मुआवजे के प्रावधान बाद भी शिवराज सरकार ने सुअरपशुपालक गरीबों की एक भी रुपए की मदद नहीं की थी जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चे की अगवाई में सुअर पशुपालकों को मुआवजा दिलाए जाने 6 अक्टूबर 2022 से लगातार कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष महापड़ाव आंदोलन जारी रहा ।
nपत्रकारों से चर्चा दौरान मोर्चे के संयोजक शिव सिंह आंदोलनकारी प्रदीप बसोर ने बताया कि शिवराज सरकार मूक दर्शक बनी रही गरीबों की कोई मदद नहीं की वही 13 सितंबर 2023 को जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल धरना स्थल पहुंचकर आंदोलनकारियों को गुमराह कर 40 लाख रुपए की घोषणा के साथ आंदोलन तोड़ने का प्रयास किए लेकिन जब आंदोलनकारियों को लगा कि उन्हें छला जा रहा है तब उन्होंने आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया 
nइसके बाद 5 अक्टूबर 2023 को फिर से शिवराज सरकार के प्रतिनिधि एसडीएम हुजूर अनुराग तिवारी एवं नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला तथा मंत्री राजेंद्र शुक्ल के प्रतिनिधि राजीव तिवारी धरना स्थल आए और 2200 पीड़ित परिवारों को 3000 रुपए प्रति परिवार अंतरिम राहत राशि देने की घोषणा कर सभी के आधारकार्ड बैंक पासबुक ले गए बोले दो-तीन दिन के अंदर सभी के खाते में पैसा आ जाएगा आंदोलन समाप्त कर दें क्योंकि अब 26 लाख रुपया और बढ़ा दिया गया है जो बढ़कर 66 लाख हो गया है तब आंदोलनकारियों ने कहा कि बैंक खाते में पैसा आने के बाद ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा समाप्त नहीं करेंगे क्योंकि राजस्व परिपत्र मुताबिक मुआवजा नहीं है  इस आधार पर आचार संहिता के चलते 369 दिन से जारी आंदोलन स्थगित कर दिया गया था सरकार के प्रतिनिधियों को जब बैंक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए उस समय संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं के साथ-साथ आंदोलनकारियों में बसोर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बसोर समाज के वरिष्ठ शकोचिल प्रसाद बसोर उपाध्यक्ष राजाराम बसोर श्रीमती गीता बंसल संभागीय अध्यक्ष बाबूलाल बंसल कोषाध्यक्ष पार्षद शंकरलाल उपाध्यक्ष मलखान बंसल जिला महासचिव महेश बंसल पार्षद अभयराज बंसल अध्यक्ष मऊगंज सुनील बंसल अध्यक्ष गोबिंदगढ़  दशरथ सुरेश बंसल बृजेंद्र बंसल गोविंद रविराज बंसल सुरेंद्र बंसल ज़ालिम नेबूलाल कमलेश विनोद श्यामलाल कौशल सुनील दिनेश बंसल आदि उपस्थित रहे मोर्चे के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि जिन पीड़ित परिवारों की सूची सरकार के प्रतिनिधियों को सौंपी गई थी अभी तक में ऐसे सुअर पशुपालकों में से सिर्फ 500 के आसपास परिवारों को 3000 रूपए मात्र भेजे गए हैं अभी हजारों की संख्या में पीड़ित सुअर पशुपालक जिन्होंने एक वर्ष तक मुआवजे की मांग को लेकर लगातार आंदोलन में हिस्सेदारी किया उनके खातों में पैसा नहीं भेजा गया मोर्चे ने कहा कि मंत्री राजेंद्र शुक्ल कहे तो हम उनकी परेड उनके घर तक करा सकते हैं ।
nआंदोलनकारी प्रदीप बसोर ने खुलासा करते हुए कहा कि 19 अक्टूबर को मंत्री राजेंद्र शुक्ल के पीए राजीव तिवारी से फोन पर बात हुई की अभी हजारों लोगों के खातों में पैसा नहीं आया तब उन्होंने मंत्री राजेंद्र शुक्ल के आवास बुलाया हम सात आठ की संख्या में वहां पहुंचे और ऑफिस में देखें की जिन कंप्यूटर सिस्टमों से सुअर पशुपालकों की सूची बनाकर पैसा भेजा जाता था वहां पूर्व पार्षद प्रकाश सोनी चिंटू एवं अन्य दर्जनों भाजपाई लोग वहां मौजूद थे जिनके द्वारा हजारों लोगों की सूची दिखाकर कहा गया कि हम लोगों ने 1400 से अधिक सुअरपालकों को पैसा भेज दिया है लेकिन सूची देखने से यह ज्ञात हुआ कि सूची फर्जी तैयार की गई है सिर्फ दिखाने के लिए लेकिन बैंक खातों में पैसा नहीं भेजा गया कुछ सूची से ऐसे भी बड़े फर्जी बाड़े सामने आए कि जिन लोगों का बैंक दस्तावेज ही हमने नहीं दिया ऐसी जातियों तोमर प्रजापति साकेत उनको भी बंसल समाज की सूची से पैसा दिया गया है तथा अन्य जातियों को भी सैकड़ो की संख्या में पैसा दिया गया है सूची मांगने पर नहीं दी गई सिर्फ कंप्यूटर में दिखाई गई है।
n इससे स्पष्ट हो गया है कि चुनाव के नाम पर पैसा बांटा जा रहा है जो सुअर पालन करते ही नहीं उनको किस आधार पर पैसा बांटा गया तब आंदोलनकारी प्रदीप बसोर ने मंत्री पीए राजीव तिवारी से कहा कि हमारे साथ धोखा छल किया गया है तो उन्होंने कहा कि राजेंद्र शुक्ल जी का पैसा है जिसको देना होगा देंगे आपने पूरी सूची ही नहीं दिया खातों की केवाईसी डीबीटी नहीं होगी लेकिन ऐसा नहीं है उन्हें पूरी सूची दी गई थी सभी खातों की केवाईसी डीबीटी भी है उसके सब प्रमाण भी मौजूद हैं साथ में मऊगंज के 104 पीड़ित सुअर पशुपालकों की सूची दी गई थी तब मऊगंज जिला नहीं था प्रशासन ने उन्हें भी पैसा देने का वादा किया था जिनमें एक भी सदस्य को पैसा नहीं भेजा गया इस तरह अन्य कई गांव शामिल हैं जहां एक भी पैसा नहीं गया ऐसे में  स्पष्ट हो चुका है कि मंत्री राजेंद्र शुक्ल एवं शासन प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ छल एवं धोखा किया है हम गांव गांव बस्ती बस्ती जाकर सबको जगाएंगे बताएंगे सबक भी सिखाएंगे।

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