Sanyukt Kisan Morcha Shivkumar Sharma Kakkaji : राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी  किसान बचाओ यात्रा लेकर रीवा पहुंचे। यहां शहर के निराला नगर स्थित सरदार पटेल संस्थान में किसानों के साथ बैठक की और प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भी अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार रही हो वह किसानों के मामले में उदासीन रवैया अपनाना चाहती है। कई ऐसे निर्णय सरकारों की ओर से लिए जा रहे हैं जो आने वाले समय में किसानों के लिए बड़ी आफत साबित होंगे।

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उन्होंने (Kakka ji) कहा कि केन्द्र सरकार ने डब्ल्यूटीओ की बैठक में इस बात पर सहमति जताई है कि वह किसानों से एमएसपी पर अनाज नहीं खरीदेगा। इधर सरकार एमएसपी पर अनाज नहीं खरीदेगी और दूसरी ओर यह भी शर्त रखी है कि विदेश भी से अनिवार्य रूप से एक मात्रा के ऊपर खाद्यान्न मंगाना पड़ेगा। इससे आने वाले दिनों में स्थानीय स्तर पर किसानों के लिए बाजार कम हो जाएंगे और फसल का दाम कम हो जाएगा। इससे किसान को मजबूरी में खेती छोडऩी पड़ेगी।  

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कक्काजी ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों के लिए न तो कोई सुरक्षात्मक योजनाएं बनाई जा रही हैं और न ही सरकार किसानों की मांगों को सुन रही है। इस कारण 166 बिन्दुओं की मांगों को लेकर तीन अक्टूबर को भोपाल से यात्रा निकाली गई है। प्रदेशभर में भ्रमण के बाद दीपावली के एक दिन पहले यात्रा का समापन होगा। इस दौरान किसान नेता रविदत्त सिंह, ओमनारायण सिंह, सोभनाथ कुशवाहा, रविनंदन सिंह, भक्त प्रहलाद वर्मा, अरुण तिवारी, अनिल सिंह सहित कई अन्य किसान नेता भी मौजूद रहे। यात्रा रीवा से माड़ौ पहुंची, जहां पर विश्राम किया। अगले पड़ाव में यह यात्रा शनिवार को सतना पहुंचेगी।

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– एक लाख ट्रेक्टर एक साथ निकलेंगे
nकक्काजी ने कहा कि तीन काले कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के बाद सरकार की ओर से जो आश्वासन दिए गए थे उन पर कोई अमल नहीं हुआ है। इस कारण अब देशभर के किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। जल्द ही संयुक्त मोर्चा के सभी प्रतिनिधि दिल्ली में जुटेंगे और आंदोलन की कोई तारीख निर्धारित होगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्य रखा गया है कि एक लाख ट्रेक्टर की संख्या पहली जुटाई जाए और सभी के लिए रूट निर्धारित किए जाएं। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन होगा लेकिन यह लड़ाई आरपार की होगी। सरकार को या तो किसानों की मांगें पूरी करनी पड़ेंगी अथवा कुर्सी छोडऩा होगा।

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n– यात्रा में इन प्रमुख मांगों को उठा रहे
n यात्रा के दौरान किसानों की समस्याओं पर चर्चा हो रही है। यात्रा के जरिए सरकार के सामने एमएसपी पर खरीदी का गारंटी कानून बनाने, किसान आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन में शहीद किसान परिवारों को नौकरी और मुआवजा, पराली जलाने पर दंड का प्रावधान बंद हो, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने सहित १६६ बिन्दुओं की मांगें शामिल की गई हैं। जिसमें खेती को लाभ का धंधा बनाए जाने के प्रावधान किए जाने की बात शामिल है। 
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n गैर राजनीतिक यात्रा, न किसी का समर्थन और न किसी का विरोध
nचुनाव के समय पर निकाली जा रही यात्रा के सवाल पर कक्काजी ने कहा कि  शुद्ध रूप से किसानों का संगठन है और किसानों की बात करता है। यात्रा पूरी तरह से गैर राजनीतिक है, इसमें किसी दल का न तो समर्थन है और न ही किसी का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतना जरूर है कि जिन सरकारों ने किसानों के लिए योजनाएं बनाईं, कर्ज माफी किया और अन्य कार्य हुए उन पर चर्चा होती है। हर किसान अपना राजनीतिक निर्णय अपनी पसंद के अनुसार लेगा, संगठन की ओर से राजनीति पर कोई चर्चा नहीं होगी।

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