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रीवा। मोबाइल पर झांसा देकर लोगों को फ्राड का शिकार बनाने वाले शातिर बदमाश को पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से कई मोबाइल, सिम सहित अन्य सामान बरामद हुआ है। फिलहाल आरोपी की दो घटनाओं में भूमिका सामने आई है और लगातार पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बिछिया थाने के एसएएफ कालोनी में रहने वाले आरक्षक हरीशचंद्र तिवारी को फरवरी महीने में एक व्यक्ति ने फोन कर जीयो की सिम बंद होने की जानकारी दी। सिम चालू करवाने के नाम पर आरोपी ने पीडि़त को एप डाऊन लोड करवाया और बाद में उनके खाते से 89 हजार रुपए निकाल लिये। इस मामले की शिकायत उन्होंने बिछिया थाने में दर्ज कराई थी जिस पर पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही थी।
nआरोपी का लोकेशन झारखंड के जामताड़ा में मिला था जिस पर तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन ने एक स्पेशल टीम गठित कर उसको जामतारा भेजा था। पुलिस ने कई दिन की मशक्कत के बाद उक्त आरोपी को जामतारा से गिरफ्तार किया जिसको लेकर पुलिस रीवा आ गई। आरोपी की पहचान प्रद्युम्न मंडल पिता कार्तिक मंडल 22 वर्ष निवासी रामपुर थाना कर्माताड़ जिला जामताड़ा झारखंड के रूप में हुई है। आरोपी के कब्जे से तीन मोबाइल सहित काफी संख्या में सिम बरामद हुई है।
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उक्त आरोपी लोगों को मोबाइल पर फोन करता था और अलग-अलग तरीकों से झांसा देकर साइबर फ्राड का शिकार बनाता था। बिछिया के अलावा उसकी भूमिका बालाघाट जिले के सिटी कोतवाली थाने में दर्ज मामले में भी भूमिका सामने आई है। आरोपी की गिरफ्तारी के संबंध में सूचना संबंधित थाने को दी गई है। इसके अतिरिक्त संभाग के दूसरे जिलों को भी सूचना भिजवाकर मामलों की जानकारी मांगी गई है।
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नाबालिग होते हुए मुख्य सचिव को बनाया था शिकार
nउक्त आरोपी नाबालिग रहते हुए साइबर फ्राड की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया था। 17 साल की उम्र में उसने वर्ष 2019 में उड़ीसा सरकार के मुख्य सचिव को साइबर फ्राड का शिकार बनाया था। उस समय उड़ीसा के सबलपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था जो 72 दिनों तक जेल में था। उसके बाद से लगातार वह साइबर फ्राड की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। वर्तमान में वह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। वह फर्जी सिम खरीदता था और उसका इस्तमाल आपराधिक घटनाओं में करता था।
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nमोबाइल का डाटा उगलेगा घटनाओं का रहस्य
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उक्त आरोपी ने प्रदेश के कई जिलों के लोगों को फ्राड का शिकार बनाया है। उसके मोबाइल पर मंडला, बालाघाट, शहडोल जिले में ठगी के रिकार्ड पुलिस के सामने आए है जो करीब पांच लाख रुपए का है। इसके अतिरिक्त उसने काफी डाटा डिलीट कर दिया है जिसको अब पुलिस रिकवर करवायेगी। उक्त डाटा वापस मिलने के बाद उसके आपराधिक रिकार्डों का हिसाब सामने आ जायेगा। उसके द्वारा ठगी की गई राशि का अनुमान २० से ३० लाख के आसपास का बताया जा रहा है।
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पुलिस टीम होगी पुरस्कृत
nउक्त बदमाश को पकडऩे वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जायेगा। इसमें निरीक्षक वीरेन्द्र पटेल, निरीक्षक प्रियंका पाठक, उपनिरीक्षक गौरव मिश्रा, उपनिरीक्षक संग्राम सिंह, उपनिरीक्षक शैल यादव, उप निरीक्षक मृगेन्द्र सिंह, एएसआई लखन नामदेव, प्रधान आरक्षक जय सिंह, प्रधान आरक्षक अरुण, कृष्णकांत नामदेव, आरक्षक वरुेन्द्र सिंह, आरक्षक मनीष सिंह, आरक्षक मानेन्द्र शर्मा, आरक्षक सुभाष भारती, आरक्षक भावेश द्विवेदी शामिल है।
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