Friday, February 7

 

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n निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के कारण विश्वविद्यालय से छीने अधिकारn

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रीवा।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों और उनकी लेटलतीफी को लेकर सरकार ने नाराजगी जाहिर की है। अब विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी विभाग से निर्माण कार्यों का अधिकार छीनते हुए लोक निर्माण विभाग के पीआइयू को सौंप दिया गया है। इस आशय का आदेश विश्वविद्यालय के साथ ही पीआइयू के कार्यपालन यंत्री के पास पहुंचा है। n

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बताया गया है कि उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा में पाया है कि जो कार्य आवंटित किए गए थे, उन्हें निर्धारित समय पर पूरा नहीं कराया जा सका है। साथ ही भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें भी आई हैं। इसलिए मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए पहले तो विश्वविद्यालय के अधिकारियों को फटकार लगाई और बाद में निर्माण कार्य कराने के अधिकार को विश्वविद्यालय से लेते हुए लोक निर्माण विभाग के पीआइयू को सौंप दिया है। 

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– वर्षों से चिन्हित ठेकेदारों को पहुंचा रहे लाभ

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विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी विभाग में पदस्थ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कुछ चिन्हित ठेकेदारों को ही पूरा काम दिया जा रहा है। आरोप टेंडर में फिक्सिंग के भी लगाए जाते रहे हैं। कई बार गुणवत्ता को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। कई भवनों एवं सड़कों के निर्माण का मामला लोकायुक्त और इओडब्ल्यू तक पहुंच चुका है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के सामने भी भ्रष्टाचार के मामले आते रहे हैं लेकिन वह कार्रवाई करने के बजाए मामले को रफा-दफा करने के प्रयास में रहे हैं। पूर्व के एक कुलसचिव की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे, जिस पर शासन ने जांच कराने का निर्देश दिया है।

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– भवनों के उन्नयन के नाम पर भी भ्रष्टाचार

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रूसा परियोजना के तहत विश्वविद्यालय को पूर्व में दस करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। जिसमें छह करोड़ रुपए से भवनों का पुनर्निर्माण और उन्नयन का कार्य कराया जाना है। इसके शुरुआती दौर में ही भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। जिसमें विश्वविद्यालय के इंजीनियरों एवं अन्य के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर शिकायतें राजभवन एवं उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ कार्यालय में भी की गई हैं। 

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