SS Medical college  Rewa
nरीवा। लेखक जयराम शुक्ला ने श्यामशाह मेडिकल कालेज के छात्रों के अध्ययन के लिए अपना शरीर दान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने संकल्प प्रस्ताव का आवेदन कालेज प्रबंधन को सौंपा है। इस निर्णय पर उनकी पत्नी ने भी साथ दिया है और दोनों ने संयुक्त रूप से आवेदन देकर शरीरदान का संकल्प सौंपा है।

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यह निर्णय शुक्ल ने अपने 61वें दिन के अवसर पर लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में देहदान को महादान माना गया है। प्रथमतया तो यह कि मनुष्य राष्ट्र, समाज, बहुजन हिताय या मानवता के रक्षार्थ प्राणोत्सर्ग करे। दूसरा यदि उसकी पार्थिव देह व उसके अंग किसी के हित में उपयोग आ सकें तो भले ही यह कुछ कमतर सही पर पुनीत कार्य है। हमारा जिगर किसी और के शरीर में धड़के, आंखें किसी नेत्रहीन को रोशनी दे, किडनियों से किसी जरूरतमंद को नवजीवन मिले और शेष देह छात्रों को मानव शरीर का रचनाविज्ञान समझाने के काम आए, इससे सार्थक उपयोग इस पार्थिव शरीर का और हो भी क्या सकता है।

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बैकुंठपुर के नजदीक बड़ी हर्दी गांव में जन्मे जयराम शुक्ला कई वर्षों तक पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन किया है। कुछ समय पहले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कैंपस प्रभारी भी रहे हैं। शुक्ल ने बताया कि मेडिकल कालेज को हर साल आठ से दस मानव का पार्थिव शरीर छात्रों के अध्ययन के लिए जरूरी होता है लेकिन कम संख्या में ही लोग देहदान कर रहे हैं। इस कारण समाज के सभी वर्गों को इसके लिए आगे आना होगा।
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