Zila Panchayat Rewa : रीवा में भाजपा नेताओं के बीच टकराव एक बार फिर उभरकर सामने आ रहा है। अब इसका नया अखाड़ा जिला पंचायत बनने जा रहा है। बीते साल जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव हो या फिर स्थाई समितियों का गठन, ऐसा लगा जैसे उपाध्यक्ष बनाए गए प्रणव प्रताप सिंह (Pranav Pratap Singh) के इशारे पर सबकुछ हुआ है। वह लगातार बैठकों में प्रभावी दिखते रहे। अब वह अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।
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nजिला पंचायत के सामान्य प्रशासन समिति की बैठक आयोजित की गई। जहां पर कई प्रमुख मुद्दों पर अधिकारियों से जानकारी ली गई। पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों पर विभागवार पालन प्रतिवेदन पर चर्चा हुई। इस बैठक में अधिकांश उन्हीं बिन्दुओं पर चर्चा हुई जो उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह से जुड़े रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष ने सीधे तौर पर तो प्रणव प्रताप का नाम तो नहीं लिया लेकिन सदस्यों से सवाल उठवाकर जांच कराने के लिए सीईओ से कहा। इस बैठक में प्रणव प्रताप नजर नहीं आए।
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शिक्षा विभाग में सीएसी और बीआरसी की नियुक्तियों को लेकर लगातार आ रही शिकायतों पर बैठक में तय किया गया है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। शिक्षा विभाग के कई मामलों में जांच के लिए कहा गया है। इसकी जांच संयुक्त कलेक्टर सोनाली देव का सौंपी गई। साथ ही कुछ मामलों को समिति के मामध्य से परीक्षण कराया जाएगा।
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इसके अलावा शिक्षा विभाग से जुड़े दूसरे मामलों पर भी चर्चा हुई। जिसमें कहा गया कि जिले में 130 स्कूलों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस कारण तत्काल इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं और प्राथमिकता के साथ पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जाए। इसके साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने यह भी कहा कि जहां पर मतदान केन्द्र बनाए जा रहे हैं वहां पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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कुछ सदस्यों ने रमसा परियोजना के तहत आए बजट का सही तरीके से उपयोग नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसकी भी जांच कराई जाना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल ने सड़क एवं अन्य निर्माण कार्य जो चल रहे हैं, उन्हें जल्द पूरा कराया जाए। महिला बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में 52 आगनबाड़ी पूरी हो गई, 39 में कार्य प्रगति पर है।
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n – उपाध्यक्ष से जुड़े काम निशाने पर रहे
nजिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह शामिल नहीं हुए। जबकि उनसे जुड़े कई मामलों पर चर्चा हुई जांच की मांग उठाई गई। चौडिय़ार की नलजल योजना का कई सदस्यों ने विरोध किया, कहा कि सड़क निर्माण के चलते बिछाई गई पाइपलाइन को खोद डाला गया है। सड़क निर्माण का कार्य उपाध्यक्ष से जुड़ी कंपनी को सौंपा गया है इस कारण उनके ही दल के लोगों ने अपरोक्ष रूप से निशाने पर लिया। साथ ही शिक्षा समिति के अधिकार क्षेत्र वाले कई मामलों को सामान्य प्रशासन समिति में उठाकर जांच के निर्देश दिए गए। उपाध्यक्ष शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष हैं। पूर्व में उनके द्वारा कराए गए कई कार्यों को लेकर सदस्यों ने आपत्तियां भी उठाई। पिछले वर्ष आरओ की खरीदी और गुणवत्ता का मामला भी उठाया गया। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवणे ने कहा कि हर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
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n — करंट मामले में बिजली अधिकारी राहत देंगे
nजिला पंचायत सीईओ ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कुछ दिन पहले ही गंगेव के खैरा गांव में एक महिला के ऊपर हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर गिरने से करंट से उसकी मौत हुई थी। इस मामले में सप्ताह भर के भीतर बिजली कंपनी के अधिकारी जांच कर मुआवजा देने का कार्य करें।
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nक्षेत्र में भी अलग पड़े प्रणव प्रताप
nजिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह इनदिनों अपने क्षेत्र में भी कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। करीब एक वर्ष से विधायक नागेन्द्र सिंह उन्हें गुढ़ क्षेत्र में अपने साथ लेकर भ्रमण कर रहे थे और संकेत दे रहे थे कि ये राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर जनता की सेवा करेंगे। इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जैसे ही यह बयान दिया कि टिकट के लिए उम्र का बंधन नहीं होगा तो नागेन्द्र सिंह स्वयं मैदान में कूद पड़े और प्रणव प्रताप को साइड करना शुरू कर दिया। भाजपा से गुढ़ सीट के प्रमुख दावेदार रहे प्रणव प्रताप को झटका कुछ समय पहले उस दौरान लगा जब उनके कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की और उनके पिता के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कर ली गई। चर्चा है कि इसमें भी एक भाजपा नेता का ही हाथ है। अब राजनीतिक रूप से अकेले पड़ रहे प्रणव के समर्थकों का कहना है कि यदि ऐसा ही रहा तो गुढ़ क्षेत्र में भाजपा को बड़ा झटका मिलेगा। राजनीति में संभावनाएं विरोधियों के साथ भी बनी रहती हैं।