nरीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय सहित कालेजों को शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वह कुछ गांवों को गोद लेकर वहां पर जागरुकता के कार्यक्रम आयोजित कराएंगे। इस योजना पर विश्वविद्यालय या कालेजों की ओर से कोई ठोस कार्य नहीं किए गए हैं। जिसके चलते अब उच्च शिक्षा विभाग ने इसकी संस्थावार समीक्षा शुरू की है। गत दिवस आनलाइन समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा आयुक्त ने प्रगति सही नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि सभी संस्थाओं की अलग-अलग समीक्षा की जाए और पता लगाया जाए कि आखिर क्यों गोदग्राम योजना की गति धीमी है।
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रीवा में विश्वविद्यालय के एमएसडब्ल्यू विभाग ने सोनौरा और इटौरा गांव को गोद ले रखा है वहां पर जागरुकता से जुड़े कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेकिन कालेजों की ओर से केवल कागजी खानापूर्ति हो रही है। इसी के कारण विभाग ने अब सभी संस्थानों की समीक्षा का कार्य शुरू कराया है। विभाग ने सभी कालेजों को गूगल फार्म का लिंक दिया है, इसी में सभी गतिविधियां भरकर भेजना है। गांवों मे जागरुकता कार्यक्रम से जुड़े फोटो-वीडियो एवं अन्य गतिविधियां अपलोड करना है।
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n– निजी कालेजों को भी गोद लेना है गांव
nविश्वविद्यालय के साथ ही कालेजों को गांव गोद लेने का निर्देश बीते कई वर्ष पहले ही जारी हुआ था लेकिन कालेजों में इसकी गतिविधियां शुरू नहीं हुईं। बीते साल निजी कालेजों को भी आदेश जारी हुआ है कि वह भी गांवों को गोद लेकर कार्य कराएं लेकिन अब तक निजी कालेजों ने विभाग को यह जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई है कि कहां पर गोद लिया गया है। इसी के चलते अब विभाग इस योजना पर सख्ती के साथ कार्य कर रहा है।
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n– बिना फंड के विश्वविद्यालय कर रहा कार्य
nअवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा इटौरा और सोनौरा गांवों को गोद लिया गया है। यहां पर योजना से पहले ही विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग द्वारा कोर्स में सोशल ग्रुप वर्क कराया जाता था। उसका प्रेक्टिकल करने के लिए छात्र ग्रामीणों से मिलते थे और उनके रहन-सहन एवं शासन की योजनाओं को लेकर जानकारी लेते थे। अब गोद ग्राम योजना शुरू की गई है, इस पर कार्य तो विश्वविद्यालय की ओर से किया जा रहा है लेकिन कहा गया है कि अलग से फंड नहीं मिल रहा है, अपने खर्च से ही छात्र एवं शिक्षक गतिविधियां संचालित करते हैं।
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n – सिकल सेल के लिए गोद लिए जाएंगे गांव
nराज्यपाल के निर्देश पर आदिवासी बाहुल्य गांवों में सिकल सेल को लेकर कार्यक्रम चलाया जाना है। गत दिवस विश्वविद्यालय और मेडिकल कालेज के एमडीआरयू विभाग ने मिलकर नया अभियान चलाया है। पहले चरण में सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के कुछ गांवों को चिन्हित किया गया है। बताया गया है कि बाद में रीवा, सतना सहित दूसरे जिलों में भी गांव गोद लेकर सिकल सेल के प्रति जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।