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nरीवा। महापौर अजय मिश्रा बाबा ने अपने 14 माह के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पे्रेस कांफ्रेस के जरिए जनता के सामने पेश किया। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की ओर से रीवा शहर के विकास को लेकर अपेक्षा के अनुरूप सहयोग नहीं मिला। शहर के सभी वार्डों में करीब 146 करोड़ के काम हुए हैं। यह जनता द्वारा टैक्स के रूप में दी गई राशि है, जिससे वार्डों में जनता की सुविधा से जुड़े काम कराए। इस दौरान कायाकल्प योजना के तहत सड़क मरम्मत के लिए दस करोड़ रुपए मिलना था लेकिन कटौती करते हुए 8.50 करोड़ रुपए दिए गए उसमें भी कुछ राशि वापस ले ली गई। जनता के पैसे से रीवा का विकास हो रहा है इस कारण भूमिपूजन और लोकार्पण के अनावश्यक खर्च पर रोक लगाई गई है।
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जनता ही नारियल तोड़कर काम की शुरुआत करती है। महापौर ने कहा कि निगम आयुक्त पर दबाव बनाकर काम रुकवाए जा रहे हैं। भाजपा के विकास पर्व, आशीर्वाद यात्रा और मुख्यमंत्री से जुड़े कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण में नगर निगम से आयुक्त के जरिए भुगतान कराए गए। सरकार के इस निर्णय से जनता में आक्रोश है। महापौर ने विधायक को भी आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि शहर में हर जगह सरकारी भूमि बेची जा रही है, आने वाले दिनों में विकास कार्यों के लिए स्थान का बड़ा संकट होगा। कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा के कार्यकाल की पूरी जांच होगी और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस दौरान मेयर इन काउंसिल के सभी सदस्य, कांग्रेस के पार्षद एवं अन्य लोग भी मौजूद रहे।
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n– इन कार्यों को बताई उपलब्धि
nमहापौर ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि फिजूलखर्ची रोकने सरकारी वाहन छोड़ा, भूमिपूजन और लोकार्पण में टेंट-कुर्सी और जनसभाओं की प्रथा रोकी, निगम में एकल खिड़की की शुरुआत, मेयर हेल्पलाइन की स्वीकृति दी लेकिन भाजपा ने परिषद में विरोध किया। १३३ करोड़ की पेयजल की नई योजना, सीवरेज के रुके कार्य की फिर शुरुआत, छोटी फायर ब्रिगेड, टैंकर एवं जेटर के साथ अन्य वाहन, हाईमास्ट के साथ नई लाइट, दो शव वाहन, पौने दो करोड़ के संजीवन क्लीनिक, शहीद पद्मधर सिंह, महाराजा मार्तंड सिंह, श्रीनिवास तिवारी, शिवाजी, महाराजा प्रताप आदि की प्रतिमा लगाने की स्वीकृति, १८ पार्कों में ८० लाख की लागत से बच्चों के लिए झूला लगाए जाएंगे, स्वच्छता सहित अन्य कार्यों की शुरुआत की गई है।
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nईको पार्क का संचालन नियम विरुद्ध, बंद होगा
nमहापौर ने कहा कि बीहर नदी के ग्रीन बेल्ट में ईको पार्क का निर्माण कराया गया है। इसमें नगर निगम की ओर से अनुमति नहीं ली गई है। जबकि नगर निगम की भूमि भी इसमें शामिल है। इसके अलावा नदी में जो ब्रिज बनाया गया है, उसकी तकनीकी अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिए गए हैं। यह ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में बनाया गया है, नियमों की अनदेखी गई है। गुजरात में जिस तरह से पुल गिरने से हादसा हुआ है उस तरह की घटना हम रीवा में नहीं होने देंगे। जल्द ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो इसकी विधिवत जांच होगी और यह ईको पार्क बंद होगा।