Friday, February 7

Laxamanbag Rewa : उत्तर भारत में रामानुज संप्रदाय के सबसे बड़े संस्थानों में शामिल लक्ष्मणबाग के नए महंत की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कई लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि अब तक लक्ष्मणबाग संस्थान में महंत उसी व्यक्ति को नियुक्त किया जाता रहा है जो शिष्य परंपरा का पालन करता रहा है। यहां पर गत दिवस अयोध्या के राघवाचार्य को महंत बनाया गया है।

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लक्ष्मणबाग से जुड़े और रामानुज शिष्य परंपरा के काशीपीठाधीश्वर गोपालाचार्य ने लक्ष्मणबाग के प्रशासक कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि राघवाचार्य लक्ष्मणबाग शिष्य परंपरा के नहीं हैं। इसलिए उनकी नियुक्ति लक्ष्मणबाग के महंत के रूप में नहीं होना चाहिए। मांग उठाई है कि लक्ष्मणबाग शिष्य परंपरा से जुड़े किसी व्यक्ति को महंत नियुक्त करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। कुछ दिन पहले लक्ष्मणबाग के महंत हरिवंशाचार्य का निधन हुआ है। इस कारण नए महंत की नियुक्ति होनी है। गत दिवस एक बैठक में राघवाचार्य के नाम की घोषणा के बाद कई लोगों ने विरोध किया है। सोशल मीडिया के जरिए भी लोग आपत्तियां दर्ज करा रहे हैं।
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nत्रिदंडी मठ ने भी दर्ज कराई आपत्ति
nपूर्व महंत हरिवंशाचार्य के निधन पर बैकुंठोत्सव समारोह एवं नए महंत की नियुक्ति के लिए पट्टाभिषेक समारोह का आयोजन चार एवं पांच जुलाई को लक्ष्मणबाग संस्थान परिसर में ही आयोजित किया जा रहा है। इस पर शहर में बड़ी संख्या में आमंत्रण पत्र वितरित किए जा रहे हैं। जिसमें त्रिदंडी मठ गोविंदगढ़ के प्रमुख स्वामी शेषमणिदासाचार्य का भी निवेदक के तौर पर नाम अंकित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई। कहा कि यह आयोजन विधि विरुद्ध है, महंत की नियुक्ति का अधिकार शासन को है और बिना नियुक्ति पट्टाभिषेक कार्यक्रम अवैध है। इसलिए न तो इस आयोजन को उनकी सहमति है और न ही वह इसके स्वागताकांछी हैं। 
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कलेक्टर से मिलेंगे कई संगठन
nरामानुज संप्रदाय से जुड़े लोगों के साथ ही कई अन्य संगठनों ने कह है कि सोमवार को वह कलेक्टर से मुलाकात वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे और यह कार्यक्रम स्थगित करने की मांग करेंगे। इसका विरोध राजनीतिक भी होता जा रहा है। नए महंत के जरिए लोग भाजपा पर भी हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हंै।

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