nरीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शिक्षण विभाग में संचालित विधि पाठ्यक्रम की संबद्धता को लेकर पेंच फंस गया है। जिसका खामियाजा यहां से पासआउट हुए छात्रों को उठाना पड़ रहा है। हाल ही में यहां से विधि स्नातक करने के बाद राज्य अधिवक्ता परिषद में पंजीयन कराने और वकालत का लाइसेंस बनवाने के लिए कई छात्र पहुंचे थे। जहां से उन्हें यह कहते हुए वापस कर दिया गया है कि उनके पास बार काउंसिल आफ इंडिया से संबद्ध पाठ्यक्रम वाले संस्थानों में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के उक्त संस्थान का नाम शामिल नहीं है। इससे छात्रों को परेशानी बढ़ गई है। यह लापरवाही विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से की गई है। इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही राजभवन एवं मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजे गए हैं।
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अधिवक्ता बीके माला की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006-07 के बाद से विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल आफ इंडिया से संबद्धता का नवीनीकरण नहीं कराया है। स्टेट बार काउंसिल के पास जो सूची विधि संस्थानों की उपलब्ध है उसमें विश्वविद्यालय के नाम उल्लेख नहीं होने की वजह से पंजीयन नहीं हो पा रहा है। बीके माला ने कहा कि विश्वविद्यालय ने करीब पंद्रह वर्ष से लापरवाही बरती जिसकी वजह से सैकड़ों पासआउट छात्रों को वकील बनने के रास्ते में बाधा उत्पन्न हो रही है।
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छात्रों ने विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क को जमाकर डिग्री हासिल की है। संबद्धता में लापरवाही विश्वविद्यालय ने की है और उसका खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। इसलिए तत्काल संबद्धता नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि नए अधिवक्ताओं के लिए पंजीयन हो सके। इस मामले में कई छात्रों ने भी कुलपति और कुलसचिव को ज्ञापन देकर मांग उठाई है कि उनकी समस्या का समाधान कराया जाए। हाल ही में स्टेट बार काउंसिल ने भी एक पत्र विश्वविद्यालय को भेजकर इससे अवगत कराया है।