nरीवा। शराब ठेकेदारों द्वारा बैंक गारंटी के नाम पर फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत के बाद अब प्रशासनिक जांच तेज कर दी गई है। राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में पहुंची शिकायत के बाद संभागायुक्त से जांच कराने के लिए कहा गया है। जिसके चलते अब संभागायुक्त ने रीवा (rewa) और सिंगरौली (singrauli) जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि शिकायत के बिन्दुओं के आधार पर जांच कराई जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
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कुछ दिन पहले ही संभागायुक्त के पास ईओडब्ल्यू भोपाल (Eow Bhopal) का पत्र आया था जिसमें शिकायतकर्ता अधिवक्ता बीके माला के शिकायत का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इस पर विस्तार से जांच कराई जाए और प्रतिवेदन दिया जाए।
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ईओडब्ल्यू के इस पत्र के बाद संभागायुक्त ने रीवा और सिंगरौली जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन और सर्किल प्रभारी मनोज बेलवंशी एवं जिला सहकारी बैंक मोरबा सिंगरौली के विरुद्ध जांच कराए जाने की मांग की है।
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आरोप है कि बैंक की मिलीभगत से शराब ठेकेदारों ने फर्जी बैंक गारंटी बनवाई और उसे जमाकर शराब कारोबार का लाइसेंस प्राप्त कर लिया साथ ही शराब का उठाव भी किया। यह शासन के साथ धोखाधड़ी भी है। संभागायुक्त ने 15 दिन में दोनों कलेक्टरों से प्रतिवेदन मांगा है।
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सिंगरौली के सहकारी बैंक से रीवा, सतना, उमरिया आदि जिलों में शराब दुकानें पाने वाले ठेकेदारों ने बैंक गारंटी बनवाई। इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इस कारण मामले की जांच कराई जा रही है।
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शराब ठेकेदारों द्वारा बैंक गारंटी के नाम पर फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत के बाद अब प्रशासनिक जांच तेज कर दी गई है। राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में पहुंची शिकायत के बाद संभागायुक्त से जांच कराने के लिए कहा गया है। जिसके चलते अब संभागायुक्त ने रीवा और सिंगरौली जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि शिकायत के बिन्दुओं के आधार पर जांच कराई जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। कुछ दिन पहले ही संभागायुक्त के पास ईओडब्ल्यू भोपाल का पत्र आया था जिसमें शिकायतकर्ता अधिवक्ता बीके माला के शिकायत का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इस पर विस्तार से जांच कराई जाए और प्रतिवेदन दिया जाए। ईओडब्ल्यू के इस पत्र के बाद संभागायुक्त ने रीवा और सिंगरौली जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन और सर्किल प्रभारी मनोज बेलवंशी एवं जिला सहकारी बैंक मोरबा सिंगरौली के विरुद्ध जांच कराए जाने की मांग की है। आरोप है कि बैंक की मिलीभगत से शराब ठेकेदारों ने फर्जी बैंक गारंटी बनवाई और उसे जमाकर शराब कारोबार का लाइसेंस प्राप्त कर लिया साथ ही शराब का उठाव भी किया। यह शासन के साथ धोखाधड़ी भी है। संभागायुक्त ने १५ दिन में दोनों कलेक्टरों से प्रतिवेदन मांगा है। सिंगरौली के सहकारी बैंक से रीवा, सतना, उमरिया आदि जिलों में शराब दुकानें पाने वाले ठेकेदारों ने बैंक गारंटी बनवाई। इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इस कारण मामले की जांच कराई जा रही है।
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