भोपाल। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के बीच सीक्रेट वीडियो की चर्चा भी तेज हो गई है। यह भाजपा से विधायक रहे नारायण त्रिपाठी से जोड़ा जा रहा है। हाल ही में मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi Maihar) ने भाजपा के साथ ही विधायक पद से भी इस्तीफा दिया है। अब उनके कांग्रेस में जाने की अटकले हैं। कुछ लोगों ने ज्वाइनिंग की तारीख भी तय कर दी और अग्रिम बधाइयां भी मिलने लगी।
nटीवी चैनलों में उनके कांग्रेस में जाने और विंध्य में उसके प्रभाव को लेकर चर्चाएं भी होने लगी। इस बीच भाजपा खेमे से यह खबर फैलाई गई कि नारायण त्रिपाठी का सीक्रेट वीडियो किसी दिन वायरल हो सकता है। उन्हें इसके पहले इंदौर के हनी ट्रेप कांड से भी जोड़ा गया था। इस वजह से कांग्रेस में अचानक से उनकी ज्वाइनिंग रोक दी गई।
nकांग्रेस को इस बात का डर है कि चुनाव के ठीक पहले यदि भाजपा की ओर से वीडियो वायरल कराया जाएगा तो यह न केवल मैहर सीट बल्कि पार्टी की दूसरी सीटों पर भी असर डालेगा। साथ ही भाजपा को अवसर भी मिल जाएगा कांग्रेस को घेरने के लिए।
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भाजपा से जिस तरह से अनबन बनाकर रहे नारायण त्रिपाठी ने बड़े नेताओं के खिलाफ भी बयानबाजी की, उसके पीछे कांग्रेस का हाथ माना जा रहा था। क्षेत्र में भी यह चर्चा थी कि वह चुनाव के ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। हालांकि उन्होंने विंध्य प्रदेश गठन का आंदोलन छेड़ रखा है और इसी के नाम पर पार्टी बनाने का ऐलान भी किया है।
nअब नारायण त्रिपाठी भाजपा भी छोड़ चुके हैं और कांग्रेस के दरवाजे भी उनके लिए नहीं खुल रहे हैं। दूसरे दलों में गुंजाइश बन नहीं रही है। इसलिए चुनाव के ठीक पहले यदि कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया तो मुश्किलें बढ़ेंगी। उन्होंने सतना के सांसद गणेश सिंह पटेल से भी व्यक्तिगत दुष्मनी पाल रखी है और लगातार बयानबाजी करते रहे हैं। विंध्य के बड़े कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल भी नारायण को पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि वर्ष २०१४ के लोकसभा चुनाव में वोटिंग के ठीक पहले नारायण कांग्रेस से दगाबाजी करते हुए भाजपा के पाले में कूद गए थे। हालांकि नारायण त्रिपाठी को विंध्य में अजय सिंह की राजनीतिक ताकत का अहसास हुआ है और वह लगातार उनके पिता कुंवर अर्जुन सिंह का बखान करते रहते हैं और अजय सिंह को भी सुलझा नेता बता रहे हैं।
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