Friday, February 7

  

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जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सीधी के बहुचर्चित पेशाब  कांड की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए एक सितंबर तक का समय दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी पर एनएसए की कार्रवाई का कोई वैधानिक आधार नहीं है। हाईकोर्ट ने इस जवाब को रेकॉर्ड पर लेकर राज्य शासन को 1 सितंबर तक जवाब पेश करने को कहा। 

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याचिकाकर्ता सीधी निवासी कंचन शुक्ला की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि उसके पति प्रवेश शुक्ला को एनएसए के तहत जेल में बंद कर दिया गया है। प्रवेश का आपराधिक रिकार्ड नहीं है। जिस वायरल वीडियो के आधार पर एनएसए की कार्रवाई की गई वह तीन साल पुराना है। अत: एनएसए की वैधानिकता चुनौती के योग्य है।

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यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद-21 के विपरीत होने के कारण भी अनुचित है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में प्रारंभिक सुनवाई पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को राज्य शासन से निर्देश हासिल करने की जिम्मेदारी दी थी।

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