Friday, February 7

 

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रीवा। राज्य सूचना आयोग के रीवा डिवीजन में वर्तमान में महिलाओं के आवेदनों पर सुनवाई के मामले लंबित नहीं हैं। सभी मामलों का आयोग ने निराकरण कर दिया है अथवा उन पर कार्रवाई प्रक्रिया के आखिरी दौर में है। इस संबंध में रविवार को आयोजित वेबीनार में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रीवा डिवीजन में महिलाओं के जो आवेदन एवं अपीलें थी, उनका प्राथमिकता के साथ निराकरण किया गया और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के एक दिन पूर्व यह बताने में आयोग को गर्व है कि वह महिलाओं के आवेदनों पर संवेदनशीलता के साथ काम करता है। 

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n  सूचना आयोग में महिलाओं से जुड़े आवेदन अब लंबित नहींn

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सिंह ने कहा कि आयोग में महिलाओं को भी सूचना आयुक्त बनाया जाना चाहिए, उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले समय में ऐसा होगा। साथ ही कहा कि वर्तमान में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी लेने के लिए जो आवेदन लगाए जाते हैं उसमें औसत महिलाओं की संख्या कम होती है। यह अधिनियम सभी को बराबरी का अधिकार देता है इसलिए महिलाएं भी अधिक संख्या में आवेदन लगाएं और अपनी आवश्यकता से जुड़ी जानकारी हासिल करें। 

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पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि देश में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता है। सूचना आयोगों में भी उनके मामलों को गंभीरता से सुना जाता है।

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 उन्होंने मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयोग की तत्परता पर धन्यावाद देते हुए कहा कि इससे अधिक संख्या में महिलाएं आवेदन लगाने के लिए आएंगी। गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान महिलाओं से जुड़े मामलों को लेकर कुछ घटनाएं भी साझा की। इस दौरान महिती गुजरात पहल की डायरेक्टर पंक्ति जोंग, राजस्थान की पूर्व एपीसी सुनीता जैन, आरटीआइ एक्टिविस्ट आरके शर्मा, नित्यानंद मिश्रा, प्रीतम कुशवाहा, शिवानंद द्विवेदी, देवेन्द्र अगवाल सहित रीवा एवं अन्य स्थानों के एक्टिविस्ट ने अपनी बातें रखीं। 

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