रीवा। शहर के सिरमौर चौराहे में करीब ३३ वर्ष पहले बनाई गई पानी की टंकी को जर्जर होने की वजह से गिराया गया है। इसके लिए करीब 12 घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। विस्फोट से पूरी तरह टंकी नहीं गिरी तो इसे क्रेन के सहारे खींचकर गिराया गया। इस टंकी को गिराने के लिए इंदौर के विस्फोटक विशेषज्ञ एसबी सर्वटे और उनकी टीम को बुलाया गया था। एक दिन पहले से ही टीम जुटी हुई थी और टंकी के पिलर में विस्फोटक लगाए गए थे। पहले तय हुआ था कि सुबह साढ़े पांच बजे भीड़ होने के पहले ही इसे गिराया जाएगा। निर्धारित समय पर प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से विस्फोट नहीं हो सका।
दोपहर एसडीएम वैशाली जैन, नगर निगम के उपायुक्त एमएस सिद्दीकी, सहायक आयुक्त रूपाली द्विवेदी, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला, सहायक यंत्री अम्बरीश सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी मुरारी कुमार सहित अन्य पहुंचे। इसके बाद आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से खाली कराया गया और दोपहर करीब दो बजे विस्फोट किया गया। विस्फोट होने के बाद टंकी के नीचे के पिलर टूटे और आसपास काफी धूल उड़ी। इसके बावजूद टंकी की ऊंचाई कम हो गई फिर भी वह सीधी ही खड़ी रही। काफी देर का समय इस बात को समझने में लग गया कि कहीं नजदीक जाने पर वह गिर न जाए। जब आभास हुआ कि टूटे हुए पिलर फिर से जमीन पर धंसे हुए हैं और जल्द नहीं गिरेगी तब क्रेन बुलाई गई। जेसीबी मशीनों से गिराने पर ऊपर गिरने का डर था। इस कारण पिलर से मोटी तार बांधकर क्रेन से खींचा गया, जिसके बाद टंकी धरासाई हो गई। सड़क पर से इसका मलबा भी हटा दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया सायं के पांच बजे तक चली। विस्फोटक विशेषज्ञ बीएस सर्वटे की टीम और नगर निगम के कर्मचारी सुबह के पांच बजे से सायं के पांच बजे तक इसमें जुटे रहे।
– सुधार न्यास बोर्ड द्वारा बनाई गई थी
जिस पानी टंकी को गिराया गया है, उसे वर्ष १९९१ में नगर सुधार न्यास बोर्ड द्वारा बनाया गया था। सिरमौर चौराहे में तानसेन काम्पलेक्स के साथ ही इस टंकी को भी बनाया गया था, जहां से कई वर्षों तक आसपास के मोहल्लों में भी पानी की सप्लाई होती रही। बीते करीब चार वर्षों से यह टंकी जर्जर घोषित कर दी गई थी और इसका उपयोग नहीं हो रहा था। सिरमौर चौराहे में जहां पर यह टंकी थी, वहां से सड़क मार्ग से लोगों की आवाजाही के साथ ही आसपास बाजार क्षेत्र भी है। इस कारण टंकी को गिराए जाने की तैयारी की गई थी और बड़ी मशक्कत के साथ गिराया गया। इस टंकी को गिराने के लिए तीन किलोग्राम विस्फोटक का उपयोग किया गया था।
—–
आसपास की दुकानें रहीं बंद
जहां पर टंकी को गिराए जाने की प्रक्रिया अपनाई गई, वहां पर आसपास बड़ी संख्या में दुकानें भी हैं। प्रशासन ने पूर्व में ही इन दुकानों को सूचना देकर टंकी गिराए जाने की प्रक्रिया के दौरान दुकानें बंद किए रखने को कहा था। दुकानें बंदकर व्यवसाई आसपास ही टंकी को गिरते हुए देखने के लिए बड़ी संख्या में जुटे रहे। साथ ही अन्य लोग भी यहां पर पहुंच गए थे। जिसकी वजह से पुलिस बल को लोगों को वहां से दूर हटाना पड़ा।
–
बिजली सप्लाई भी कराई गई थी बंद
विस्फोटक का उपयोग किए जाने की वजह से आसपास के भवनों को कोई खतरा उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए एहतियात के तौर पर आसपास की बिजली सप्लाई भी बंद करा दी गई थी। सुबह जब तय हुआ कि कुछ देर के बाद टंकी गिराई जाएगी तो कुछ समय के बिजली सप्लाई भी बहाल कराई गई थी लेकिन जैसे ही प्रक्रिया शुरू की गई, बिजली काफी देर तक बंद रही।
—————
-
सिरमौर चौराहे में पुरानी पानी टंकी थी। जिसे इंजीनियर्स से जर्जर घोषित कर रखा था। विस्फोटक विशेषज्ञों की निगरानी में इसे गिराए जाने की प्रक्रिया अपनाई गई और टंकी को ध्वस्त हो चुकी है। इसका निर्माण करीब 33 वर्ष पहले हुआ था।
एमएस सिद्दीकी, उपायुक्त नगर निगम
—
–
निर्धारित प्रक्रिया के तहत टंकी को गिराया गया है। टंकी तो जर्जर थी लेकिन पिलर इसका मजबूत था। बाजार और भीड़भाड़ वाला क्षेत्र होने की वजह से विस्फोटक की मात्रा अधिक नहीं लगाई गई थी। विस्फोट सफल रहा। टंकी पूरी नहीं गिरी थी तो उसे खींचकर गिराया गया है।
एसबी सर्वटे, विस्फोटक विशेषज्ञ
———–