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n रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (Awdhesh Pratap Singh university) के इंक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप (Startup) के लिए बूट कैंप का आयोजन किया गया। जहां पर भोपाल से आए विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। साथ ही कलेक्टर मनोज पुष्प ने छात्रों को सरल तरीके से बड़ी बातें बताई। रीवा को संभावनाओं से परिपूर्ण और तेजी से विकसित होता हुआ क्षेत्र बताते हुए कलेक्टर ने डॉ वर्गीश कुरियन और धीरूभाई अम्बानी जैसे सफल व्यक्तियों के उदाहरण देकर समझाया कि कोई भी शुरुआत टारगेट के अनुसार होती है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने युवाओं से अपने आइडियाज को बिजऩेस व जि़न्दगी बनाने की बात कही। रीवा जैसे छोटे शहर में तेजी से बढ़ते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बताते हुए विकास एवं व्यवसाय के लिए रेलमार्ग, सड़क मार्ग अब एयरपोर्ट की सुविधा मिलने के बाद प्रयागराज (Prayagraj), बनारस (Banaras) व पूरे देश से बेहतर कनेक्टिविटी होगी। कलेक्टर ने कहा कि हर छात्र के अपने मन में एक स्टार्टअप सोचकर रखना चाहिए।
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APS विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजकुमार आचार्य (Pr. Rajkumar Aacharya) ने विद्यार्थियों से टाइम मैनेजमेंट करने तथा मेहनत करके स्टार्टअप द्वारा सफल उद्यमी बनने के लिए कहा, उन्होंने हर युवा से आत्मनिर्भर बनने की अपील की। डॉ अनुराग डायरेक्टर एलएनसीटी भोपाल ने दो दिन के बूट कैम्प में प्रतिभागियों दी जाने वाली जानकारी, मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया। उनके साथ सफलतापूर्वक अपना स्टार्टअप लगा चुके चार युवाओं की टीम भी आई है जो 2 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 10 सत्रों में रीवा के युवाओं को स्टार्टअप्स लगाने में आने वाली चुनौतियों एवं उनके समाधान पर अपना अनुभव साझा करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सुरेंद्र सिंह परिहार (Dr Surendra Singh Parihar) ने भी छात्रों को आत्मनिर्भर बनने हेतु प्रेरित किया। इनक्यूबेशन केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो अतुल पाण्डेय (Pr Atul Pandey) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने का बड़ा लक्ष्य देश के समक्ष रखा है जिसे पूर्ण करने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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nकार्यक्रम में प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय द्वारा गठित ई सेल क़े सदस्य डॉ सूर्यप्रताप सिंह, डॉ अनुराग मिश्र, डॉ आशीष पाण्डेय, डॉ अमित श्रीवास्तव, डॉ भूपेंद्र तिवारी, डॉ अनामिका दुबे, डॉ प्रीति तिवारी, रंजन केलकर, डॉ स्मृति सिंह, डॉ. संध्या सिंह, डॉ रूपेश द्विवेदी, डॉ आलोक मिश्र, डॉ सशांक पाण्डेय, डॉ निशा श्रीवास्तव, प्रबंध विभाग के शिक्षक डॉ आनंद सिंह, डॉ निधि श्रीवास्तव, डॉ. अल्का डिगवानी, डॉ दीपा सक्सेना, डॉ ईशा कौर राखरा, डॉ श्वेता होतवानी, डॉ पंकज सिंह, डॉ हर्षित सिंह, इनक्यूबेशन केंद्र के तुषारा खरे सहित अन्य मौजूद रहे।