रीवा। शहर के एक निजी स्कूल द्वारा छात्रों के तिलक और बिंदी लगाने के साथ ही अन्य प्रतिबंध से जुड़ा आदेश जारी करने पर बवाल मच गया है। जैसे ही अभिभावकों को इसकी जानकारी मिली उनकी ओर से विरोध किया गया। मामला हिन्दू संगठनों तक जा पहुंचा और बजरंग दल एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने स्कूल पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।

स्कूल प्रबंधन के सामने काफी देर तक नारेबाजी करने के चलते तनाव की स्थिति बन रही थी। बच्चे भी स्कूल में अध्ययन कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस भी पहुंची और मामलो को शांत कराया। हिन्दू संगठनों के साथ ही कई अभिभावकों ने भी विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती मानी और कहा कि इस आदेश को वापस लिया जाएगा।

बजरंग दल के जिला सह संयोजक बालकृष्ण द्विवेदी ने बताया कि शहर के गुढ़ रोड में स्थित इंटीग्रिटी स्कूल प्रबंधन की ओर से एक आदेश जारी कर छात्र-छात्राओं को माथे पर तिलक और बिंदी जैसे निशान लगाने पर प्रतिबंधित किया गया है। इस आदेश से हिन्दू धर्म से जुड़े छात्रों और अभिभावकों की भावनाएं आहत हुई हैं। धर्म हमें टीका लगाने की अनुमति देता है।

इस कारण स्कूल प्रबंधन के इस आदेश का विरोध किया गया है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों में राज पांडेय, मयंक तिवारी, अवनीश तिवारी, दुर्गेश द्विवेदी, विनय तिवारी, सुधांशु मिश्रा, पप्पू बंसल, शुभम मिश्रा, आकाश सोंधिया, शशांक मिश्रा, शुभम मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस स्कूल में लंबे समय से हिन्दू धर्म विरोधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
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स्कूल ने आदेश में यह कहा
इंटीग्रिटी स्कूल प्रबंधन ने जारी आदेश में छात्रों और अभिभावकों से कहा कि वह स्कूल के नियमों का पालन करते हुए माथे पर तिलक लगाकर नहीं आएं। साथ ही अंगूठी या अन्य कोई भी आभूषण, चूड़ी, कंगन या कड़ा आदि का भी धारण नहीं करें। इसके साथ ही स्कूल परिसर में किसी नुकूली वस्तु और ब्रेसलेट, घड़ी और स्मार्ट फोन पर भी प्रतिबंध लगाया था। जिसका तेजी से विरोध हो रहा है।
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बढ़ते विरोध के बाद आदेश वापस
अभिभावकों और हिन्दू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की वजह से स्कूल प्रबंधन की ओर से अपना विवादित आदेश वापस ले लिया गया है। स्कूल प्राचार्य की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया है कि पूर्व में जारी आदेश से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। पूर्व का आदेश वापस लिया जाता है। साथ ही प्राचार्य ने माफी भी मांगी है।

भाजपा नेता ने सीएम को लिखा पत्र
स्कूल के आदेश पर विवाद बढ़ने पर भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री गौरव तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूली बच्चों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। इस स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि आगे से इस तरह के विवादित व्यवस्थाएं स्कूलों द्वारा नहीं बनाई जाएं।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मांगी रिपोर्ट
रीवा के निजी विद्यालय द्वारा बच्चों को तिलक लगाने से प्रतिबंधित किए जाने का मामला राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग तक पहुंचा है। जहां से आयोग ने रीवा कलेक्टर को नोटिस भेजकर पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। उक्त विद्यालय पर तीन दिन के भीतर कार्रवाई कर जवाब देने के लिए कहा गया है।

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