Thursday, September 19


रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप किए गए नए प्रयोग से मुश्किलें बढ़ रही हैं। फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा ओएमआर सीट पर ली गई थी और इसे कम्प्यूटर से जांचा गया। जिसकी वजह से करीब १५ प्रतिशत ही छात्र पास हो पाए हैं, अधिकांश फेल हो गए। जिसके चलते कुछ समय से लगातार छात्रों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे थे और मांग उठाई जा रही थी कि उनके अंक परीक्षा में जोड़े जाएं। विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार छात्रों से संवाद कर रहा था कि वह अपनी उत्तर पुस्तिकाएं स्वयं देख लें ताकि उन्हें संतुष्टि हो सके। इस पर छात्र तैयार नहीं थे। छात्रों द्वारा जो उत्तर पुस्तिका लिखी गई है उसका मूल्यांकन कम्प्यूटर के जरिए हुआ है, इस कारण उसे नकार कर छात्रों को पास करना तकनीकी तौर पर मुश्किलें पैदा कर रहा था। इस कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन ने तय किया है कि फाउंडेशन कोर्स में फेल हुए छात्रों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए आवेदन जमा करने की शुरुआत हो गई है। आगामी दस मार्च तक छात्र फार्म भरेंगे और परीक्षा में बैठने से जुड़ी प्रक्रियाएं पूरी कराएंगे। विश्वविद्यालय इसकी परीक्षा के लिए अलग से कार्यक्रम घोषित करेगा।
नई शिक्षा नीति के तहत पहली बार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए थे कि फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा ओएमआर सीट पर आयोजित कराई जाए। इसके चलते छात्रों में ओएमआर सीट से परीक्षा देने की समझ बढ़ाने को माना जा रहा है। अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं ओएमआर सीट पर ही आयोजित कराई जा रही हैं। फाउंडेशन की परीक्षा की कापियों को कम्प्यूटर द्वारा जांचा गया तो अधिकांश फेल हो गए।

– परीक्षा फीस भी घटाई गई
फाउंडेशन की परीक्षा फिर से आयोजित कराने के निर्देश के साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने फीस को घटा दिया है ताकि छात्रों पर अधिक भार नहीं आए। पहले इस परीक्षा के लिए २५०० रुपए से ३००० रुपए तक शुल्क जमा कराए गए थे। अब दोबारा परीक्षा ली जा रही है, इस कारण छात्रों को केवल ५०० रुपए का शुल्क जमा करना होगा। दस मार्च तक छात्र इसमें शामिल होने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
– अब कम्प्यूटर से नहीं जांची जाएंगी कापियां
कम्प्यूटर के माध्यम से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की वजह से बड़ी मात्रा में छात्र फेल हो गए हैं। इस कारण विशेष परीक्षा जो दोबारा आयोजित कराई जा रही है, उसे आफलाइन शिक्षकों द्वारा ही जांचा जाएगा। कम्प्यूटर से जांच में यदि पहले की तरह ही परिणाम रहा तो फिर से छात्रों द्वारा बवाल मचाए जाने की आशंका है। साथ ही उनका समय भी बर्बाद होगा।
– जीरो ग्रेड पर उठा रहे थे सवाल
छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में हर बार सवाल उठाए जा रहे थे कि वह हायर सेकंडरी तक परीक्षाओं में अच्छे अंकों से पास होते रहे हैं। इस कारण उन्हें जीरो अंक कैसे मिल सकता है। मूल्यांकन व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा था। जिस पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति में अंक नहीं बल्कि ग्रेड दिए जाते हैं। 100 अंकों के पूर्णांक में 35 अंक प्राप्त करना जरूरी होता है। यदि किसी छात्र को उक्त में से 34 तक भी अंक प्राप्त होते हैं तो उसकी ग्रेड जीरो ही रहती है। यही कारण रहा है कि अधिकांश छात्रों की ग्रेड जीरो रही है, इसे छात्र अंक जीरो मिलने का हवाला देकर प्रदर्शन करते रहे हैं। नई शिक्षा नीति के बारे में विश्वविद्यालय प्रबंधन लगातार समझाइश देने के लिए नियमों की सूची भी पटल पर चस्पा करा रखा है।
– प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों में भी समस्या
फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा ओएमआर सीट पर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में आयोजित कराई गई थी। जिस पर अधिकांश जगह रीवा के विश्वविद्यालय जैसी ही स्थितियां हैं। उन स्थानों पर भी विशेष परीक्षा आयोजित कराने की तैयारियां चल रही हैं। बताया गया है कि कम्प्यूटर से कापी पहली बार जांची गई है, इसके पहले शिक्षक जांचते रहे हैं जिसमें अधिकांश छात्र पास होते रहे हैं और बवाल नहीं मचता था।
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फाउंडेशन के परीक्षा परिणाम पर छात्र आपत्ति उठा रहे हैं। जबकि ओएमआर सीट से हुई इस परीक्षा का मूल्यांकन कम्प्यूटर के जरिए हुआ है, जिसमें त्रुटियों की संभावना कम ही रहती है पर छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने दोबारा परीक्षा का निर्णय लिया है। छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए इसका परीक्षा शुल्क 500 रुपए रखा गया है।
राजकुमार सोनी, परीक्षा नियंत्रक एपीएसयू रीवा
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