Friday, February 7

 

रीवा। शहर के भीतर मिलावटी खाद्य पदार्थों की चल रही जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शहर के नजदीक जोरी में एक कारखाना अवैध रूप से संचालित पाया गया है, जहां पर केमिकल्स के जरिए मावा तैयार किया जा रहा था। इसी मावे से अलग-अलग तरह की मिठाइयां बनाई जा रही हैं और उनका लोग सेवन कर रहे हैं। जिला प्रशासन की टीम को इसकी सूचना मिली थी कि शहर के नजदीक गड्डी रोड में जोरी में नकली खाद्य सामग्री बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते खाद्य एवं औषधि विभाग के साथ ही नापतौल एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों की टीम बनाकर जांच के लिए भेजी गई।

टीम जैसे ही मौके पर पहुंची वहां का नजारा देखकर दंग रह गई। यहां पर बड़े ड्रम और कंटेनर केमिकल पाए गए। कारखाने में बॉयलर लगाकर सात कढ़ाई फिट करके स्किम्ड मिल्क पाउडर, लिक्विड ग्लूकोस, सोयाबीन तेल, पाम आयल एवं अन्य केमिकल को मिलाकर व्यापक स्तर पर मावा और मिल्क केक का निर्माण करते पाया। मौके पर मिले सभी कंटेनर की जांच की गई और उनका सेंपल भी जब्त किया गया। जांच दल में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे, साबिर अली एवं नापतौल उप नियंत्रक विजय कुमार खातरकर सहित अन्य शामिल रहे।

– राजस्थान का है फैक्ट्री संचालक
जोरी में मिलावटी खाद्य सामग्री बना रहे फैक्ट्री के संचालक टीकम सिंह से पूछताछ करने पर उसने जांच दल को बताया कि वह बाड़मेर राजस्थान से आया है और कारीगर उत्तर प्रदेश से बुलाए हैं। वह दूध पाउडर, तेल और ग्लूकोज को मिलाकर बहुत कम कीमत का मावा और मिल्क केक बना कर बेचता है। दुकानदारों और सप्लायरों को कम कीमत पर देता है तो अधिक मात्रा में सीधे खरीदी करने आते हैं। साथ ही बिना दूध के मावा तैयार करने में उसकी लागत कम लगती है। लंबे समय से वह कारोबार कर रहा है लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासन को इसकी भनक नहीं लगी।

– शादी-पार्टियों और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सप्लाई
नकली खाद्य सामग्री तैयार करने वाले ने यह भी जानकारी दी है कि वह थोक तौर पर सामग्री का सप्लाई करता रहा है। शहर में होने वाली शादी-पार्टियों और कुछ प्रमुख होटलों में जहां अधिक खपत होती है, सप्लाई करता रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में भी सप्लाई करता रहा है। सीधी जिले में भी कई ग्राहक हंै जो थोक में सामग्री लेकर जाते हैं। जांच टीम द्वारा कार्रवाई करते हुए इस कृत्रिम मावा और मिल्क केक को तथा प्लांट में स्थित समस्त कच्ची सामग्री को जब्त कर लिया गया है।

नापतौल विभाग ने कांटा भी जब्त किया
फैक्ट्री में किसी प्रकार का कोई लाइसेंस भी नहीं पाया गया। फैक्ट्री को गोपनीय रूप से ग्राम जोरी में चलाया जा रहा था। संचालक टीकम सिंह के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। नापतौल विभाग द्वारा कांटा सत्यापित न पाए जाने से कांटे को भी जब्त किया गया है।

सिरमौर चौराहे में भी सेंपल लिए
मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच के दौरान एक टीम ने सिरमौर चौराहे के पास भी कई दुकानों में सेंपल लिए। सिरमौर चौराहा स्थित बरम बाबा स्वीट्स पर की गई जांच के दौरान लड्डू, मावा, दही के नमूने लिए गए हैं, इन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा।


शहर के पास जोरी में मावा सहित अन्य मिष्ठान बनाने की एक फैक्ट्री संचालित है। जहां पर जांच के दौरान पाया गया है कि वहां पर केमिकल्स से मावा तैयार किया जा रहा था। साथ ही फैक्ट्री संचालन को लेकर लाइसेंस या फिर कोई अन्य दस्तावेज भी नहीं मिला है। संबंधित संचालक पर प्रकरण दर्ज किया गया है, सेंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
अमरीश दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी



एक्सपर्ट व्यू
मिलावटी सामग्री का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। मावा बनाने के लिए जो लिक्विड ग्लूकोस उपयोग किया जाता है वह भी नुकसान पहुंचाता है। दवा के रूप में जो ग्लूकोस मिलता है, वह फिल्टर होता है इस कारण फायदा पहुंचाता है। कई तरह के तेलों को एक साथ गर्म करके नकली मावा तैयार होता है तो वह सीधे शरीर के विभिन्न अंकों को नुकसान करता है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से कई बार किडनी, लीवर और हार्ट सहित शरीर के दूसरे हिस्सों को नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए लोगों को बाजार में खुलें में मिलने वाली चीजें नियमित नहीं खाने की सलाह दी जाती है।
डॉ. महेन्द्र तिलकर, मेडिसिन विशेषज्ञ
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