रीवा।. पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एवं प्रदेश के पूर्व सीएम कुंवर अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘विंध्य की बेटी’ बघेली बोली के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी। पुस्तक का विमोचन 25 जुलाई को शाम 5 बजे स्थानीय मानस भवन में किया जाएगा। यह जानकारी स्थानीय स्वयंबर हाल में मीडिया से चर्चा करते हुए कुंवर अर्जुन सिंह की बेटी वीणा सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए दी है।
अपनी मां की जीवटता को याद करते हुए वीणा सिंह ने बताया कि मां सरोज सिंह रीवा में पैदा हुईं, बर्मा में पली-बढ़ी और इसके बाद कुछ समय अमेठी में रहीं और फिर रीवा आ गईं। प्रवीण कुमारी विद्यालय में पढ़ी-लिखीं तथा १३ साल की उम्र में उनका विवाह हो गया। बघेली बोली पर उनकी अच्छी पकड़ थी। हमेशा बघेली बोलती थीं और लोगों को प्रेरित करती थीं। बताया कि उनकी पुस्तक ‘विंध्य की बेटी’ किसी स्त्री द्वारा लिखी गई बघेली बोली की पहली किताब है।

उन्होंने अपनी किताब में बघेली बोली के मुहावरों को ममता के रूप में व्यक्त किया है। किताब में हर बात एक मुहावरे के माध्यम से कही गई है, यहीं सबसे बड़ी विशेषता है।

विंध्य में इस किताब का प्रसार हो तो बघेली के उत्थान में बड़ा काम होगा। इस दौरान मानस मंडल के अध्यक्ष सुभाष बाबू पाण्डेय और साहित्यकार डॉ. नागेन्द्र सिंह कमलेश भी मौजूद रहे।

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