Friday, February 7

Bandhawgarh National park
शहडोल/उमरिया. बांधवगढ़ नेशनल पार्क के धमोखर बफर क्षेत्र में पशुओं व आने-जाने वाले लोगों पर हमला करने वाले बाघ का रेस्क्यू कर मुकुंदपुर भेजा गया है। उम्र दराज होने की वजह से यह बाघ तेज भागने वाले वन्यजीवों का शिकार नहीं कर पा रहा था। इस वजह से वह धमोखर बफर व आस-पास के रिहायसी क्षेत्रों में पहुंच पालतू पशुओं व लोगों पर हमला कर रहा था। बाघ के बढ़ते आतंक को गंभीरता से लेते हुए बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन ने यह कदम उठाया है। गुरुवार को रेस्क्यू दल ने टी-47 नामक बाघ का उपक्षेत्र बरबसपुर की बदरेहटल बीट के केरहा नाला ठाकुर बाबा नामक स्थान से रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे विशेष वाहन से ताला मुकुंदपुर भेज दिया गया।

औसत उम्र पूरी, टूट गई थी केनाइन
रेस्क्यू किए गए बाघ टी-47 की उम्र 14 वर्ष बताई जा रही है जो किसी टाईगर की औसम उम्र के बराबर है। पार्क प्रबंधन की माने उम्रदराज होने के साथ ही आपसी लड़ाई में उसके जबड़े की एक केनाइन उखड़ चुकी थी। उम्र ज्यादा होने की वजह से वह जंगल में शिकार नहीं कर पा रहा था। पिछले कई दिनो से भूख मिटाने के लिए गांव में घुसकर पालतू पशुओं को किल कर रहा था। बाघ ने दो लोगों पर हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। इससे ग्रामीणों में असंतोष पनप रहा था।
पहले मगधी में फिर धमोखर बफर में बनाई टेरीटेरी
जानकारों की माने तो टी-47 रेयर दिखने वाला बाघ था। इसने मगधी व धमोखर क्षेत्र में अपनी टेरीटेरी बनाई थी। यह टूरिज्म का टाइगर नहीं था, इस वजह से इसकी कुछ विशेष पहचान नहीं थी। क्षेत्र में इसे बिग मेल के नाम से जाना जाता था, तो कि पर्यटकों को बहुत कम नजर आता था। शुरुआत में इसकी टेरीटेरी मगधी जोन में थी। इसके बाद लगभग तीन वर्ष से धमोखर बफर क्षेत्र में अपनी टेरीटेरी बना ली थी।

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बाघ टी-47 का रेस्क्यू कर मुकुंदपुर ताला भेजा गया है। बाघ काफी उमग्रदराज हो गया था और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पालतू पशुओं का शिकार करने के साथ ही लोगों पर भी हमला कर रहा था।
पीके वर्मा, उप संचालक बांधवगढ़ नेशनल पार्क

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