रीवा। अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग से पहले सूची को लेकर उठे विवाद का निराकरण करने में पूरा शिक्षा विभाग मंगलवार को उलझा रहा। मार्तंड स्कूल परिसर में जिला शिक्षा अधिकारी सहित विभाग के अन्य अधिकारियों ने जिले भर से मंगाई गई सत्यापित सूची की पड़ताल दिनभर चली। सभी अधिकारी देर शाम तक काउंसिलिंग के लिए सूची तैयार करने में जुटे रहे।

जिला शिक्षा अधिकारी ने काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अतिशेष शिक्षकों को अपने दावा-आपत्तियों को लेकर उपस्थित होने को कहा था। जिस पर जिले में अतिशेष शिक्षकों की संख्या 633  है। जिसमें सहायक शिक्षक 178 और प्राथमिक शिक्षक 455 हैं। इसमें से अभ्यावेदन प्रस्तुत करने 261 शिक्षक पहुंचे। इसमें सहायक शिक्षक १३७ और प्राथमिक शिक्षक 124 रहे। जिसमें 132 शिक्षकों के अभ्यावेदन मान्य किए गए हैं और उन्हें अतिशेष की सूची से हटाया गया है।

अतिशेष सूची से आए गए शिक्षकों में सहायक शिक्षक 67 और प्राथमिक शिक्षक 62 हैं। इसमें अधिकांश वह शिक्षक हैं जिन्होंने हाल ही में उच्च पद का प्रभार ग्रहण कर लिया है। इन शिक्षकों का नाम सूची से हटने के बाद स्कूल के दूसरे शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में चिन्हित किए गए हैं। पूर्व से उक्त शिक्षकों को इसकी जानकारी नहीं थी, इस कारण संबंधित शिक्षकों को फोन पर सूचित किया गया है कि उन्हें काउंसिलिंग में शामिल होना है। पूर्व से दर्ज नामों को हटाकर नए जोड़ने और उन्हें सूचित करने का कार्य देर रात तक चलता रहा। काउसिंलिंग 28 अगस्त को होनी है, इसकी पूरी प्रक्रिया भोपाल से होगी। इस वजह से सभी शिक्षकों से सीधे फोन पर संपर्क कर सूचना दी गई है।

129 शिक्षकों के दावे अस्वीकार किए गए
काउंसिलिंग से पूर्व शिक्षकों को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था। जिसमें प्रस्तुत अभ्यावेदनों में दिए गए तर्क गाइडलाइन के अनुरूप नहीं थे। इस वजह से ऐसे 129 शिक्षकों के अभ्यावेदन अस्वीकार किए गए हैं। इसमें सहायक शिक्षक 70 और प्राथमिक शिक्षक 59 शामिल हैं। इस वजह से इन शिक्षकों को काउंसिलिंग में शामिल होना होगा।

गंभीर बीमारी वाले शिक्षकों ने कहा स्वस्थ हैं
अतिशेष शिक्षकों की सूची में बड़ी संख्या में शिक्षक गंभीर बीमारी से पीड़ित बताए गए हैं। जिसमें ब्रेन ट्यूमर, किडनी, हार्ट, लकवा आदि के मरीज बताए गए हैं। इन शिक्षकों के चलते कई ऐसे शिक्षक अतिशेष हो गए हैं जो अपने विषयों में अकेले हैं। मामले का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि सभी संबंधित शिक्षकों का मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया जाए। कार्रवाई की डर से उक्त शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास लिखित तौर पर सूचना दी है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और खुद से कभी इसके लिए आवेदन नहीं किया। अब इसमें कई शिक्षक अतिशेष की सूची में शामिल किए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2022 में अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार की गई थी। उस दौरान कहां से गड़बड़ी हुई इसका पता लगाया जा रहा है।

काउंसिलिंग में शामिल नहीं होने पर प्रशासनिक कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट तौर पर अतिशेष शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वह 28 अगस्त की काउंसिलिंग में अनिवार्य रूप से शामिल हों। काउंसिलिंग में शामिल होने वाले शिक्षकों को अपनी पसंद का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। वहीं इसमें शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों पर प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए उन्हें खाली स्थानों पर पदस्थ किया जाएगा। जिले में करीब 1500 शिक्षकों की जगह खाली है।
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अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग 28 अगस्त को है। इसकी सूची वर्ष 2022 में तैयार हुई थी, कुछ विसंगतियों की बात सामने आई है। जिस पर जांच कराई जा रही है। संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।
प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा

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