रीवा। शहर की बढ़ती आबादी के बीच अब नए सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे। समय की मांग के अनुसार यहां पर आधुनिक सुविधाएं और विशेष स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाएगा। नगर निगम ने पीपीपी माडल पर शहर के सात स्थानों पर पिंक टॉयलेट बनाने की तैयारी की है। इसके लिए नगर निगम परिषद की भी स्वीकृति मिल गई है। शहर में पूर्व से संचालित सुलभ और सामुदायिक शौचालयों की संख्या जरूरत के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। बाजार एवं अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों को असुविधाएं होती हैं। खासतौर पर महिलाओं के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। इस कारण नए प्रस्ताव में पिंक टायलेट के साथ ही सिटी कैफे की भी व्यवस्था होगी।
पिंक टायलेट की मांग नगर निगम की बैठक में महिला पार्षदों की ओर से उठाई गई थी। जिसका उल्लेख नगर निगम के बजट में भी किया गया था। हालांकि यह पीपीपी माडल पर बनाया जा रहा है, जिसमें नगर निगम का कोई बजट नहीं लगेगा। यह शौचालय बनाने वाला अपने परिसर में विज्ञापन प्रदर्शन का स्थान भी तैयार करेगा और उससे होने वाली आय से अपनी लागत की भरपाई करेगा। पांच रुपए प्रति व्यक्ति की दर से यूजर चार्ज भी निर्धारित किया गया है। आगामी दस वर्षों तक संचालन की अनुमति दी जाएगी।
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इन स्थानों पर बनेंगे टॉयलेट
शहर के जिन नए स्थानों पर पिंक टायलेट बनाए जाने की अनुमति दी गई है, उसमें प्रमुख रूप से कालेज चौराहे में सेल्फी प्वाइंट के पास, शिल्पी प्लाजा में ट्रांसफार्मर के बगल में, धोबियाटंकी में टैक्सी स्टैंड के पास, नए और पुराने बस स्टैंडों में, रेलवे फ्लाईओवर के नीचे, मार्तंड स्कूल और कलेक्ट्रेट के मध्य बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। बीते साले प्रयोग के तौर पर अस्पताल चौराहे में दीनदयाल रसोई के पास एक पिंक टॉयलेट बनाया गया था, जिसका उपयोग अस्पताल आने वाले मरीजों से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं।
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शी-लाउंज सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी
सभी पिंक टायलेट पिंक टायलेट महिला और पुरुष दोनों की सुविधा के हिसाब से तैयार किए जाएंगे। इसमें महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। जिसमें शी-लाउंज की सुविधा भी रहेगी। इसके भीतर स्वचलित या मैनुअल मशीन द्वारा भुगतान और उपयोग के आधार पर उपयोग किए गए सेनेटरी पैड के प्रसंस्करण के लिए भस्मक के साथ सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन भी रहेगी। शिशु आहार कक्ष भी बनाया जाएगा ताकि बाजार आने वाले महिलाएं जो अपने बच्चों को दूध पिलाना चाहेंगी तो उन्हें सार्वजनिक स्थल पर शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन टायलेट में विकलांग और थर्ड जेंडर के लिए अतिरिक्त सुविधाएं देनी होंगी।
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दुकानें भी संचालित हो सकेंगी
पिंक टायलेट बनाने के साथ ही वहीं पर दुकानें भी संचालित करने की अनुमति रहेगी। जिसमें सौंदर्य प्रसाधन, सामान्य खाद्य उत्पाद, पान, गुटखा, प्रसाधन सामग्री आदि बेच सकेंगे। इसके साथ ही यह भी शर्त रहेगी कि इन स्थानों पर उत्पाद शुल्क नीति या उपभोक्ता अधिनियम के तहत कोई प्रतिबंधित वस्तु बेचने की अनुमति नहीं रहेगी।
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स्वच्छता सर्वेक्षण में मिलेंगे अधिक अंक
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप नगर निगम को शौचालय की आधुनिक सुविधाएं देना है। इसी के तहत यह प्रोजेक्ट लाया गया है। वर्तमान में शहर में 28 सुलभ शौचालय और 15 कम्युनिटी टायलेट संचालित हो रहे हैं। इनमें पुराना बुनियादी ढांचा है, पर्याप्त स्वच्छ सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। लॉकर रूम, बेबी फीडिंग, शी-लाउंज आदि की सुविधाएं नहीं हैं। सर्वेक्षण के मानकों को पूरा करने के लिए हर साल नगर निगम को अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती है। उपयोगकर्ताओं की संतुष्टि नहीं होने की वजह से हर साल सर्वे में अंक कट जाते हैं। अब नए पिंक टायलेट से इसके पूरे अंक मिलने का अनुमान है।
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