Thursday, September 19

रीवा। शहर के कचरे को पहडिय़ा के प्लांट तक पहुंचाने में ठेका कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर घपला किया जा रहा है। निर्धारित वजन से अधिक का भुगतान भी नगर निगम से लिया जा रहा है। हाल ही में मामले का खुलासा होने के बाद अब इसमें जांच कराए जाने की मांग की गई है। मेयर इन काउंसिल की सदस्य नीतू अशोक पटेल ने निगम आयुक्त को पत्र सौंप कर मांग उठाई है कि यह गंभीर मामला है, इसकी जांच कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

अपने पत्र में नीतू ने कहा है कि रीवा एमएसडब्ल्यू मैनेजमेंट सल्यूशन लिमिटेड नाम की कंपनी को फरवरी 2017 में ठेका दिया गया था। शर्त थी कि कंपनी शहर से डोरटूडोर कचरा कलेक्शन कर उसे पहडिय़ा में स्थित क्लस्टर प्लांट तक पहुंचाना है। इसके बदले कंपनी को 1746 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है।

हाल के दिनों में नगर निगम आयुक्त द्वारा जांच कराए जाने के दौरान कराए गए वजन और कंपनी द्वारा भुगतान के लिए दिए गए बिल में अंतर पाया गया है। एमआईसी सदस्य ने कहा है कि जांच में पता चला है कि छह-सात टन हर दिन वजन में हेराफेरी होती है। इससे हर साल 2512 टन कचरे का गोलमाल किया जाता है। इसके बदले करीब 43 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान कंपनी को किया जा रहा है। इस तरह से सात वर्षों में करीब तीन करोड़ रुपए का घोटाला होने की आशंका है। इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भी पत्र भेजा गया है और कहा गया है कि उच्च स्तर पर कार्रवाई की जाए।
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निगम आयुक्त ने कंपनी को नोटिस देकर मांगा जवाब
कचरा परिवहन में अनियमितता की शिकायत मिलने पर नगर निगम आयुक्त ने ठेका कंपनी रीवा एमएसडब्ल्यू मैनेजमेंट साल्यूशन लिमिटेड को पत्र लिखकर कहा है कि वह सप्ताह भर के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। इसमें कहा गया है कि नौ मार्च से ३० मार्च के बीच वाहनों का वजन कराया गया था, उस वजन की तुलना में अधिक मात्रा में परिवहन कंपनी की ओर से बताया गया है। इंडिपेंडेंट इंजीनियर द्वारा दी गई जानकारी पर जवाब मांगा गया है। कंपनी द्वारा दिए गए बिल में इंडिपेंडेंट इंजीनियर के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। कंपनी की ओर से अभी अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है।

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