रीवा। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कालेज प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की गई। तकनीकी शिक्षा मंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन भी सौंपा गया। छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। काफी देर तक प्रदर्शन और नारेबाजी किए जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में प्राचार्य ने ज्ञापन लेकर कहा है कि सभी बिन्दुओं पर जानकारी सप्ताह भर में उपलब्ध करा दी जाएगी। कुछ मामलों में कहा है कि जिन पर अभी जांच चल रही है उन पर कोई भी कमेंट करना उचित नहीं है। इसलिए उनकी जांच के बाद चाहेंगे तो प्रतिवेदन की कापी भी उपलब्ध करा दी जाएगी। आश्वासन के बाद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता शांत हुए और वापस लौट गए।
ज्ञापन में जिन प्रमुख मांगों का उल्लेख किया गया है उसमें प्राचार्य पर मनमानी का आरोप लगाते हुए स्कूल के शिक्षकों से इंजीनियरिंग की कापियां जंचवाने में बड़ा घपला किया गया है। कई प्राध्यापकों को महत्वपूर्ण पदों का प्रभार दिए जाने पर भी आपत्ति उठाई गई है। कालेज के लिए हर साल सामग्री खरीदी में लाखों की वित्तीय अनियमितता की जाती है उसमें प्र्रभारी प्राचार्य की भी संल्पितता है। राजीवगांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति सुशील कुमार को निलंबित कर रीवा अटैच किया गया है। वह रीवा नहीं आते और कालेज प्राचार्य उन्हें उपस्थित बताकर जीवन निर्वाह भत्ता दिलवा रहे हैं। विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री हर्ष साहू, पीएन पांडेय आदि ने बताया कि कालेज प्राचार्य बीके अग्रवाल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इस कारण तकनीकी शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन देकर उन्हें पद से हटाए जाने की मांग उठाई गई है।
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एनपीएस में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार
प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने आरोप लगाया है कि नेशनल पेंशन स्कीम के तहत वर्ष २००५ के बाद से पदस्थ शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए जो राशि जमा की जानी चाहिए उसे कई महीने तक रोका जाता है। जिससे कर्मचारियों को ब्याज का बड़ा नुकसान होता है। योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से दस प्रतिशत और शासन के १४ प्रतिशत अंशदान की राशि शिक्षकों और कर्मचारियों के एनपीएस खाते में जमा कराई जाती है। यह राशि हर महीने जमा होना चाहिए लेकिन यहां पर आठ से दस महीने के बाद जमा की जाती है। उक्त राशि होल्ड कर कर्मचारियों का बड़ा नुकसान किया जा रहा है। हालांकि इसकी शिकायत प्रोफेसर्स की ओर से संभागायुक्त और तकनीकी शिक्षा विभाग में की गई है। दोनों जगहों से जांच कमेटियां गठित की गई हैं। इसी तरह संबल और मेधावी योजना का लाभ छात्रों के खाते में नहीं भेजा गया है। जबकि शासन से राशि आ गई है। कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।
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प्रदर्शन की पूर्व से कोई सूचना नहीं थी, अचानक बड़ी संख्या में आए लोगों ने शोरशराबा किया है। कई ऐसे बिन्दुओं पर तत्काल जवाब चाहते थे, जो उसी समय पर दे पाना संभव नहीं था। सप्ताह भर में सभी बिन्दुओं की जानकारी उपलब्ध करा देंगे। एनपीएस को लेकर जो आरोप है उस पर शासन और संभागायुक्त की ओर से जांच बैठाई गई है। जल्द ही इस पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। सारे कार्य नियमों के अनुसार हुए हैं, प्रदर्शन करने वाले सुनने को तैयार नहीं थे।
डॉ. बीके अग्रवाल, प्राचार्य इंजीनियरिंग कालेज रीवा
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