Thursday, September 19

सिंगरौली. बरगवां थाना क्षेत्र के कसर गांव में ढाई वर्ष की बच्ची के बोरवेल में गिरने की घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों के दावों की पोल खोल दी है। कुछ दिन पहले ही जिला प्रशासन ने दावा किया था कि जिले भर के बोरवेल बंद किए जा चुके हैं। देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में बच्ची को नहीं बचाया जा सका।

अब लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। घटना के बाद थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ कलेक्टर व एसपी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि रेस्क्यू के लिए कोयला कंपनी एनसीएल की टीम बुलाई गई। निजी कंपनी हिंडालको की जेसीबी से खुदाई कर रेस्क्यू कार्य के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुलाई गई थी।
थाना प्रभारी शिवपूजन मिश्रा के मुताबिक कसर गांव में 29 जुलाई को सायं करीब साढ़े 4 बजे ढाई वर्ष की बच्ची सौम्या साहू पिता पिंटू साहू के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर बताया गया कि बच्ची घर के पीछे खेत में खेल रही थी। बोरवेल के पास पहुंचने पर बरसात से गीली हो चुकी मिट्टी धसक गई। इससे फिसल कर सौम्या बोरवेल में समा गई। सौम्या के साथ खेल रहे बच्चों ने भाग कर घर वालों को सूचना दी। बच्ची के बोरवेल में गिरने के बाद से घर में कोहराम मच गया था।

घटना की सूचना पर आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में लोग भी जुट गए थे। मौके पर मौजूद रहे अधिकारियों के मुताबिक बोरवेल की गहराई 100 फीट बताई गई है। बरसात के चलते उसमें पानी भी भरा है। उपर से देखने में केवल पानी दिखाई दे रहा है। बोरवेल में पानी भरा होने के चलते लोग तरह-तरह की शंका जाहिर कर रहे थे।

अभियान चलाने के बाद भी खुला रहा बोरवेल
रीवा में त्योथर तहसील के मनिका गांव में 12 अप्रेल को बोरवेल में एक बच्चे के गिरने की घटना के बाद पूरे प्रदेश के साथ यहां जिले में भी बोरवेल को बंद करने के लिए अभियान चलाया गया था। इसके बावजूद कसर में खुले बोरवेल पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा दर्दनाक घटना हो गई।

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