nभोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर टकराव बढ़ता जा रहा है। कई सीटों पर एक से अधिक दावेदार हैं जो किसी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे दावेदारों की सिफारिश कर रहे बड़े नेताओं को शांत रहने के लिए कमलनाथ ने कहा है। एआईसीसी की दिल्ली में हुई बैठक में कुछ सीटों को लेकर कमलनाथ ने दो टूक कहा है कि सर्वे के साथ ही समीकरणों पर भी उनकी नजर है।
nसबसे अधिक टकराव रीवा जिले की त्योथर सीट पर है। यहां से विंंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी के पौत्र सिद्धार्थ तिवारी राज दावेदारी कर रहे हैं। लंबे समय से वह लोगों के बीच में काम कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं ने भी उन्हें आश्वासन दिया था, अब ऐनवक्त पर उनसे सीट बदलने के लिए कहा जा रहा है। जिसके चलते सिद्धार्थ तिवारी भी उसी सीट के लिए अड़ गए हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि वह सीट आखिरी समय पर नहीं बदलेंगे।
nसूत्रों ने बताया है कि प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने भी सिद्धार्थ तिवारी से बात की है। सिद्धार्थ ने सुरजेवाला से भी अपनी मंशा जाहिर कर दिया है। उनका कहना है कि पहले दूसरी सीट पर तैयारी कर रहे थे तो पार्टी नेताओं ने ही त्योथर से तैयारी के लिए कहा था।
nइसी तरह का टकराव प्रदेश की अन्य कई सीटों पर भी बना हुआ है, जिसके कारण कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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nडैमेज कंट्रोल के लिए बनाया महामंत्री
nसिद्धार्थ तिवारी की अहमियत पार्टी को पता है। जिस तरह से उन्होंने कमलनाथ से कहा कि अब पीछे जाना मुश्किल है। चुनाव के समय पार्टी कोई बड़ा विरोध नहीं लेना चाहती। इसलिए सिद्धार्थ तिवारी को पार्टी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। सिद्धार्थ के समर्थक भी चाहते हैं कि वह चुनाव जरूर लड़ें।
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nक्यों महत्वपूर्ण हैं सिद्धार्थ तिवारी
nसिद्धार्थ तिवारी कहने को युवा चेहरा हैं और अभी तक कोई चुनाव भी नहीं जीता है लेकिन रीवा और आसपास के जिलों के लिए वह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के नाती और राजनीतिक उत्तराधिकारी सिद्धार्थ हैं। उनकी नाराजगी न केवल किसी एक सीट बल्कि रीवा जिले की सभी सीटों पर असर डालेगी। साथ ही विंंध्य के दूसरे जिलों में भी श्रीनिवास तिवारी के समर्थक हैं। सिद्धार्थ को पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ाया था लेकिन वह हार गए थे। इसके बाद से वह विधानसभा चुनाव की तैयारी में थे।
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nभाजपा की नजर बनी
nजिस तरह से कांग्रेस के भीतर टकराव बढ़ा है उस पर भाजपा की नजर है। राजनीति में संभावनाएं बनी रहती हैं। इसलिए भाजपा के कुछ नेता संपर्क करने के प्रयास में हैं। त्योथर सीट पर भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है, इस कारण भी यह संभावना है कि कांग्रेस के भीतर भाजपा बड़ी बगावत करा सकती है। सिद्धार्थ के समर्थक भी चाहते हैं कि यह चुनाव लड़ें। हालांकि अभी तक उनकी ओर से कुछ नहीं कहा गया है, उनका कहना है कि टिकट घोषित होने तक उम्मीद बनी रहेगी।