Friday, February 7

 

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जबलपुर। मध्यप्रदेश में एक  साथ मेडिकल कालेजों और सरकारी अस्पतालों के डाक्टर्स की हड़ताल पर हाईकोर्ट जबलपुर ने बड़ा आदेश जारी किया है। 
nहाईकोर्ट ने तत्काल हड़ताल खत्म करने के दिए निर्देश हैं। एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को  अवैध बताया है।
nहाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि बिना परमिशन के कोई भी डाक्टर नहीं जाएगा हड़ताल पर। कोर्ट में इंदरजीत कुंवर पाल सिंह (शेरू) ने लगाई थी याचिका।
nयाचिका में हड़ताल को अवैध करार देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट में यह सुनवाई चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच में हुई। मामले में पैरवी अधिवक्ता संजय अग्रवाल, राहुल गुप्ता और नीरजा अग्रवाल ने की थी।

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डाक्टर्स की हड़ताल से ओपीडी व्यवस्था प्रभावित, इमरजेंसी सेवाओं के लिए  रेजीडेंट और रिटायर्ड डाक्टर्स की ले रहे सेवा
nरीवा। मध्यप्रदेश में मेडिकल कालेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। इसका असर ओपीडी सेवाओं पर सबसे अधिक पड़ा है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रशासन ने शहर के प्राइवेट डाक्टर्स के साथ ही आयुष डाक्टर्स और रिटायर्ड डाक्टर्स को बुलाया है। ओपीडी में रिटायर्ड डाक्टर लोगों को देखते रहे। कलेक्टर ने रेजीडेंट डाक्टर्स से इमरजेंसी सेवाओं में कार्य करने के लिए अपील किया था, जिसके चलते रेजीडेंट डाक्टर भी सेवाएं देने पहुंचे। 
nरीवा के श्यामशाह मेडिकल कालेज के संजयगांधी अस्पताल, गांधी स्मारक अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में रूटीन की सेवाएं बाधित हुई हैं। जिन मरीजों का आपरेशन होना था, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही ओपीडी में भी कम संख्या में डाक्टर रहे। 
nहर दिन बड़ी संख्या में संजयगांधी अस्पताल और जिला अस्पताल बिछिया में एमएलसी से जुड़े मामले आते हैं। साथ ही पोस्टमार्टम भी होता है। डाक्टर्स की हड़ताल के कारण यह कार्य प्रभावित नहीं हो, इसलिए कलेक्टर ने कुछ समय पहले तक यहां सेवाएं देने वाले जो डाक्टर्स रिटायर्ड हो गए हैं उनकी सेवाएं लेने का निर्देश दिया था। 
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nइन मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन
nडाक्टर्स की प्रमुख मांगों में समयबद्ध क्रमोन्नति के लिए डायनमिक एश्योर्ड करिअर प्रोग्रेसिव स्कीम (डीएसीपी) लागू करना है। इसके अलावा पांच अन्य मांगें हैं। केन्द्र सरकार के साथ ही बिहार एवं अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के चिकित्सकों के लिए डीएसीपी योजना का प्रविधान करने की मांग प्रमुख से उठाई जा रही है। एक और प्रमुख मांग यह भी है कि मेडिकल कालेजों में प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जाए। प्रदेश में क्रमोन्नति का लाभ कई वर्षों से नहीं मिलने की बात भी डाक्टर्स कर रहे हैं।

n-  इमरजेंसी सेवाओं में जूनियर डाक्टर
nअस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं आंशिक रूप से ही बाधित हुई हैं। इमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह चलती रहीं। जूनियर डाक्टर्स कुछ संख्या में काम के लिए पहुंचे, जिसके चलते गायनी और इमरजेंसी सेवाएं अधिक बाधित नहीं हुईं।

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