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सोशल मीडिया के खतरे और डिजिटल अरेस्ट की कानूनी और नैतिक जानकारी छात्रों को मिले : राज्यपाल

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के 12वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने छात्रों को उपाधियां और गोल्ड मेडल वितरित किए। इस दौरान…

Collector ordered investigation, teacher is posted in Jawa High School

रीवा। जिले भर में स्कूलों में शिक्षकों द्वारा नशा किए जाने के लगातार मामले आ रहे हैं। इस बीच एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें…

Army Chief Upendra Dwivedi and Professor Achyut Samant will get honorary degrees, Doval will also come

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में 12 दिसंबर को आयोजित किए जाने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। राज्यपाल मंगूभाई पटेल की अध्यक्षता…

रीवा। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज के सिविल ब्रांच के छात्रों ने पानी शोधन स्वाद मॉडल विकसित किया है। छात्रों ने कबाड़ और रिसाइकल्ड पदार्थों से आधी लागत में पानी से पेस्टीसाइड, कार्सिनोजेनिक मेटल और वीओसी हटाने वाला स्मार्ट सेंसर युक्त वाटर प्युरीफायर तैयार किया है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल विभाग में तृतीय वर्ष में अध्यनरत छात्रों के समूह द्वारा स्मार्ट वाटर एक्विटल अपैरल्स डेवलपमेंट नामक माडल विकसित किया है। इस आधुनिक वर्किंग मॉडल का सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कालेज के प्राचार्य डॉ. बीके अग्रवाल, विभागाध्यक्ष डॉ. आरपी तिवारी, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डीके सिंह सहित अन्य प्राध्यापकों की मौजूदगी में लोकार्पित किया गया। प्राचार्य ने कहा कि पीने के पानी की शुद्धता मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है किंतु निरंतर बढ़ते शहरी व औद्योगिक प्रदूषण एवं कृषि में ज्यादा पेस्टीसाइड के उपयोग के कारण सतही और भूगर्भ जल दिनोंदिन दूषित हो रहा है। इसमें विषाक्त तत्वों तथा कैंसरकारी धातु अधातुओं की अधिकता होने से पानी जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए कालेज के सिविल विभाग के छात्रों द्वारा बनाया गया यह अनोखा मॉडल परंपरागत आरओ एवं वाटर प्यूरीफायर की तुलना में उन्नत तथा रिसाइकिल्ड पदार्थों जिसमें फाइन ग्लास फाइबर, कार्बन ग्रेन्यूल्स एवं हवा शुद्ध करने में उपयोग होने वाले आधुनिक हेपा फिल्टर के जैसे पदार्थों का उपयोग करता है। जिससे यह पानी में मौजूद विषैले पेस्टीसाइड, कैंसरकारी धातु और अधातुओं के अवशेष,वास्पशील कार्बनिक यौगिकों, अनचाहे रंग तथा ऑडर एवं फ्री क्लोरीन को उच्च दक्षता में हटाता है। इस मॉडल की खूबी यह है कि इसे परंपरागत वाटर प्यूरीफायर की लगभग आधी कीमत में विकसित किया गया है साथ ही यह शुद्ध किए गए पानी का रियल टाइम में टीडीएस व तापमान डिजिटली प्रदर्शित करता है। हाल ही में मनाए गए तीन दिवसीय हीरक जयंती उत्सव की टेकफेस्ट प्रदर्शनी में भी इसे लगाया गया था। - इन छात्रों ने किया है तैयार यह मॉडल सिविल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरपी तिवारी के निर्देशन तथा प्रो रजनीश चतुर्वेदी के तकनीकी समन्वयन में सिविल ब्रांच के पांचवें सेमेस्टर के छात्रों अंश श्रीवास्तव , वेदप्रकाश विश्वकर्मा, गिरीश रजक, अभिजीत त्रिपाठी, शिवानी सेन, पूजा सिंह, स्वेता तिवारी, नित्य सोहगौरा, निखिल मिश्रा, सेजल झंझोट एवं निशांत द्विवेदी की टीम द्वारा विकसित किया गया। विभाग में इसके सुचारू इंस्टालेशन में प्राध्यापक डॉ डीके जैन, भारत पेंसनर न्यास के अध्यक्ष एसबी परिहार तथा विभाग के स्किल असिस्टेंट कुशेंद्र मिश्र ने विशेष सहायता प्रदान की है। ----------

रीवा। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज के सिविल ब्रांच के छात्रों ने पानी शोधन स्वाद मॉडल विकसित किया है। छात्रों ने कबाड़ और रिसाइकल्ड पदार्थों से आधी लागत…

रीवा। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सांसद जनार्दन मिश्रा इंजीनियरिंग कालेज के पुरा छात्रों के सामने अपने मन की इच्छा जाहिर कर फिर…

Serving teachers were made inactive from the portal by declaring them dead and retired.

भोपाल। शिक्षा विभाग में एक बार फिर बड़ी मनमानी सामने आई है। जिसमें कई ऐसे शिक्षकों को एजुकेशन पोर्टल से इनएक्टिव कर दिया गया है जो…

 - ज्ञापन सौंपने के दौरान प्राचार्य के साथ विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं की कहासुनी भी हुई

रीवा। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कालेज प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नारेबाजी…