Thursday, September 19

रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज द्वारा संचालित किए जा रहे नर्सिंग कालेज को सीबीआई ने मानकों के अनुरूप नहीं पाया है। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में भी प्रस्तुत की गई है। जिसके बाद नर्सिंग कालेज की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। अपने भविष्य की चिंता को लेकर नर्सिंग कालेज की छात्राओं ने   मेडिकल कालेज के गेट के बाहर नारेबाजी की। काफी देर तक प्रदर्शन के बाद छात्राओं की मुलाकात मेडिकल कालेज के डीन से हुई। जहां पर डीन मनोज इंदुरकर ने छात्राओं को मान्यता के खतरे से जुड़ी वस्तुस्थिति बताई और कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत हो चुकी है, वहां से निर्णय आने तक इंतजार करना चाहिए। साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि व्यवस्था है कि जिन छात्रों को प्रवेश मिल चुका है उनका नुकसान नहीं हो, ऐसा ही प्रयास किया जाता है।

छात्राओं को डीन ने बताया कि उन्होंने शासन को स्थिति से अवगत कराया है। शासन की ओर से आश्वासन मिला है कि जिनके प्रवेश हो चुके हैं और अध्ययरत हैं उनका नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। सीबीआई ने मानकों के प्रति रीवा के सरकारी नर्सिंग कालेज को अयोग्य किन बिन्दुओं पर बताया है इसको लेकर भी जानकारी दी गई। प्रदेशभर में नर्सिंग कालेजों में प्रवेश के नाम पर बड़ा घपला हुआ था, इसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट कालेजों की जांच कराने का निर्देश सीबीआई को दिया था। जिसके चलते रीवा के सरकारी और प्राइवेेट कालेजों की जांच की गई थी। रीवा सहित प्रदेश के आठ सरकारी कालेजों को मानकों में अयोग्य बताया गया है। इस वजह से अब इनके मान्यता पर खतरा बना हुआ है।

– मानकों के प्रति अयोग्य होने के दो कारण बताए
प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि उनकी डीन के साथ बैठक में बताया गया है कि रीवा के नर्सिंग कालेज की अयोग्यता की प्रमुख दो वजहें रही हैं। जिसमें मेडिकल कालेज के टीचर्स द्वारा पढ़ाई कराई जा रही है। नर्सिंग कालेज में नियमित शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई हैं। वहीं जर्जर भवन को अयोग्यता का दूसरा कारण बताया गया है। इसके साथ ही लेक्चर हाल, कम्प्यूटर लैब सहित अन्य कमियों की वजह से अयोग्य माना गया है। इस कालेज की शुरुआत ३० सीट से हुई थी, वर्तमान में १२० की संख्या में पढ़ाई कराई जा रही है लेकिन लेक्चर हाल बढ़ाए नहीं गए, छोटे हाल में ही पढ़ाई कराई जा रही है। स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था नहीं है। सीबीआई को जांच के दौरान छात्राओं ने हास्टल की भी समस्या बताई थी।

जवाब से नाराज छात्राएं, कहा प्रबंधन ठेकेदार से बात करने को कह रहा
छात्राओं ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की है कि कालेज प्रबंधन की ओर से उनसे कहा जा रहा है कि नया भवन बनने में लंबा समय लगेगा। मेडिकल कालेज का एक भवन बनकर तैयार हो रहा है। इसी में नर्सिंग कालेज के संचालन के लिए एक फ्लोर दिया जा सकता है। इस भवन का निर्माण भी धीमी गति से चल रहा है। इस पर प्रबंधन का कहना है कि वह ठेकेदार के साथ खुद बात करें कि वह जल्दी बनाकर दें। इस पर छात्राओं ने कहा है कि यह उनकी समस्या नहीं हैं। उन्होंने प्रवेश लिया है तो भविष्य के सुरक्षा की गारंटी भी होना चाहिए। साथ ही चेतावनी दी है कि वह तब तक अस्पताल में प्रेक्टिस नहीं करेंगी जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता।


नर्सिंग की छात्राएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कालेज की योग्यता मानक के अनुरूप नहीं है तो उनका भविष्य क्या होगा। उन्हें बताया गया है कि भवन निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है और नई नियुक्तियां भी जल्द हो जाएंगी। कालेज प्रबंधन का प्रयास रहेगा कि छात्राओं का भविष्य सुरक्षित रहे।
डॉ. मनोज इंदुरकर, डीन एसएस मेडिकल कालेज
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