Thursday, September 19

भोपाल. सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर दिया है। परीक्षा में विश्लेषणात्मक प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गयी है। अब पास होने के लिए स्टूडेंट्स को अधिक मेहनत करनी होगी। स्टूडेंट्स को प्रश्न-उत्तर को रटने की बजाए समझना होगा। एक्सपर्ट के अनुसार इस नए पैटर्न में शिक्षकों को भी पढ़ाने के तरीकों को बदलना होगा। विषय के डीप अध्ययन के लिए उन्हें टेक्स्ट बुक के अलावा अन्य संसाधनों की भी मदद लेना होगी।

छात्रों में तार्किक शक्ति बढ़ाने के लिए इस साल परीक्षा में विश्लेषणात्मक प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्टडी पर आधारित प्रश्न, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल या इसी तरह के अन्य सवालों का वेटेज 40 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है। वहीं, पारंपरिक परीक्षा पैटर्न वाले लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का वेटेज 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है।

सीबीएसई स्कूलों में यह व्यवस्था सत्र 2024-25 यानी इसी सत्र से लागू होगी। भोपाल रीजन में सीबीएसई स्कूलों की संख्या 1451 के करीब है। इन स्कूलों में दोनों कक्षाओं में लगभग ड़ेढ लाख स्टूडेंट्स हैं। वहीं सिर्फ भोपाल की बात करें तो स्कूलों की संख्या लगभग 80 है और 10वीं और12वीं के विद्यार्थियों की संख्या लगभग 12 हजार है।
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जानकार बताते हैं कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए जो पैटर्न तैयार किया है, उसके बाद स्टूडेंट्स को रटने की आदत छोड़कर विषय के डीप अध्ययन की जरूरत होगी, साथ ही शिक्षकों को भी छात्र-छात्राओं को पढ़ाने में अधिक मेहनत करनी होगी। उन्हें भी पढ़ाने के तरीकों में बदलाव करना होगा। विषय को समझाने के लिए टेक्स्ट बुक के अलावा अन्य संसाधनों का सपोर्ट भी जरूरी होगा। इसका सबसे बढ़ फायदा यह होगा कि स्कूल स्तर पर ही स्टूडेंट्स को विषय का डीप नॉलेज हो सकेगा।

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