Thursday, September 19

रीवा। पीपीपी माडल पर तैयार क्षेत्रीय एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना रीवा क्लस्टर के 6 मेगावाट वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के कमिशनिंग एवं ग्रिड सिक्रो नाइजेशन का कार्यक्रम 16 फरवरी को दोपहर 2.30 बजे होगा। शहर के नजदीक पहाडिय़ा ग्राम में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला भी शामिल होंगे।

प्लांट में नगर निगम रीवा एवं सतना सहित, रीवा- सीधी सतना मैहर एवं मऊगंज जिले के 28 नगरीय निकायों से उत्पन्न होने वाले कचरे को एकत्रित कर 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। योजना की लागत 158.67 करोड़ रूपये है जिसमें 55 प्रतिशत राशि शासन द्वारा एवं 45 प्रतिशत राशि एमएसडब्ल्यू मैनेजमेन्ट सॉल्यूशन लिमिटेड रीवा द्वारा देय होगा तथा जिसका पूर्ण स्वामित्व रामकी इन्वायरो इंजीनियर लिमिटेड हैदराबाद का है।

इस प्लांट से बनने वाली बिजली के क्रय के लिए ऊर्जा विभाग से अनुबंध किया गया है। क्लस्टर में शामिल सभी 28 नगरीय निकायों से उत्पन्न होने वले 350 मीट्रिक टन प्रतिदिन कचरे का परिवहन कर वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रसंस्करण करते हुए 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। कचरा जलने के उपरांत निकलने वाली राख का पुनर उपयोग हो सकेगा, पुराने एकत्रित कचरे (लीगेसी बेस्ट) का निस्तारण हो सकेगा, तथा कचरे के जलने से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों का उपचारित कर वायुमंडल में छोड़ा जाएगा।

आमंत्रण पत्र में महापौर का नाम नहीं, विवाद बढ़ा
प्लांट के लोकार्पण कार्यक्रम के लिए नगर निगम द्वारा वितरित कराए गए आमंत्रण पत्र में महापौर अजय मिश्रा का नाम नहीं है। इसमें केवल उप मुख्यमंत्री का नाम लिखा गया है। इसको लेकर कांग्रेस पार्षदों ने विरोध दर्ज कराया है। कहा है कि नगर निगम का मुखिया महापौर होता है और तीन जिलों के २८ निकायों के इस क्लस्टर प्रोजेक्ट में नगर निगम रीवा ही नोडल है। कांग्रेस पार्षद धनेन्द्र सिंह, रवि तिवारी ने कहा है कि रीवा महापौर के साथ ही नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री सतना की प्रतिमा बागरी और सतना के भी महापौर का नाम नहीं लिखा गया है, जबकि यह संयुक्त प्रोजेक्ट है।
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