रीवा। शहर के नीम चौराहा के पास बोदाबाग में नगर निगम और प्रशासन की टीम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई के दौरान दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। दो मंजिला भवन गिराए जाने और उसका मलबा हटाए जाने की कार्रवाई चल रही थी। इस दौरान कांग्रेस नेता संदीप पटेल मौके पर पहुंचे और इस कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताया। पहले उनकी नगर निगम के अधिकारियों और नायब तहसीलदार के साथ कहासुनी हुई। काफी देर तक वह अपना तर्क रखते रहे और अधिकारी अपनी बात करते रहे। धीरे-धीरे माहौल गर्म होने लगा और कांग्रेस नेता के समर्थक भी जमा होने लगे। इसी दौरान उन्होंने कार्रवाई को रुकवा दिया और टीम को वापस जाने की बात करने लगे।
नगर निगम के एक अधिकारी के साथ उनकी कहासुनी हो गई, जिसके चलते पुलिस ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया और उन्हें वहां से हटने की बात कही। लेकिन संदीप पटेल अपनी बात पर अडिग रहे। इस कारण पुलिसकर्मियों ने पहले उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया जब वह नहीं माने और पुलिस ने बल का प्रयोग किया। इस दौरान संदीप सड़क पर गिर पड़े। जिसके चलते उन्हें सड़क पर ही पुलिसकर्मियों ने काफी दूर तक घसीटा। कार्रवाई स्थल से दूर ले जाकर उन्हें छोड़ा गया और पुलिस ने समर्थकों से घर ले जाने की बात कही। इस दौरान पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। संदीप कांग्रेस नेता होने के साथ ही अधिवक्ता भी हैं। इस वजह से भी पुलिस उनसे अधिक नहीं उलझना चाह रही थी।
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दूसरे दिन भी अतिक्रमण तोडऩे की जारी रही कार्रवाई
सिरमौर चौराहे से लेकर नीम चौराहे तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया। इस दौरान बोदाबाग में पहले से बना एक मकान जो सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आ गया था। उसे गिराने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू की गई थी। जहां पर नगर निगम और तहसीलदार ने मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई प्रारंभ कराई थी। नगर निगम का दावा है कि स्वीकृत मानचित्र के विरूद्ध एवं सड़क पर यातायात बाधित करने वाले अनाधिकृत निर्माण को हटाये जाने के लिए कई बार संबंधित को नोटिस दी गई थी लेकिन किसी तरह की गंभीरता नहीं बरती गई गई।
यहां पर गुलाबकली साकेत एवं रमेश कुमार साकेत निवासी नीम चौराहा द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरूद्ध अनाधिकृत निर्माण करते हुये सड़क पर यातायात बाधित किया गया था। इसी प्रकार अर्चना देवी द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरूद्ध अनाधिकृत निर्माण कर यातायात बाधित किया गया था। पूर्व में इस अतिक्रमण पर कोर्ट का भी स्थगन था जिसकी वजह से सड़क बन गई लेकिन भवन नहीं गिराया गया था। अब स्थगन की अवधि पूरी होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
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