रीवा। शहर के रानीतालाब के रखरखाव के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गुरमीत सिंह मंगू ने वीडियो जारी कर नगर निगम प्रशासन पर सीधे आरोप लगाया है। जिस पर कहा है कि रानीतालाब के रखरखाव का ठेका नगर निगम द्वारा दिया जाता है। बीते अक्टूबर महीने से ठेका निरस्त है लेकिन अब तक पांच महीने से नया ठेका नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता ने खुले तौर पर आरोप लगाया है कि उप मुख्यमंत्री जो शहर की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखते हैं उनका ध्यान कैसे नहीं गया। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के महापौर का भी नाम लिया है और कहा है कि उनका भी ध्यान कैसे नहीं गया यह सब उन लोगों को स्पष्ट करना चाहिए। मंगू ने यह भी कहा है कि रानीतालाब में पार्क और तालाब का भ्रमण करने के लिए जाने वालों से रुपए अब भी वसूले जा रहे हैं। यह रुपए कहां जा रहे हैं इसकी भी जानकारी निगम प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही है। कांग्रेस नेता ने इस आरोप के जरिए भाजपा के नेताओं के साथ अपनी पार्टी के महापौर और एमआईसी को भी कटघरे में खड़ा किया है। इन आरोपों पर महापौर ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वह तथ्यहीन हैं।

– टेंडर समाप्त होने के बाद निगमकर्मी कर रहे वसूली
नगर निगम द्वारा रानीतालाब के रखरखाव की टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद यहां पर कर्मचारियों के माध्यम से वसूली शुरू कराई है। जिसमें बीते साल 2024 में 18 से 30 सितंबर के बीच 2930 रुपए, अक्टूबर में 7885 रुपए, नवंबर में 14 हजार 765 रुपए, दिसंबर में 15 हजार  728 रुपए, जनवरी 2025 में 16 हजार 319 रुपए, फरवरी में एक से 13 तारीख तक 7506 रुपए की वसूली हो चुकी है। बताया गया है कि नए ठेके के लिए पहली बार टेंडर जारी हुआ तो कोई नहीं आया था। दोबारा भी टेंडर हो चुका है। हाल ही में नगर निगम आयुक्त ने रानीतालाब का निरीक्षण भी किया था।
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शहर में रानीतालाब आस्था का प्रमुख केन्द्र है। जहां पर बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। तालाब और पार्क घूमने के साथ ही वाहन पार्किंग के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं। पांच महीने से टेंडर नहीं हुआ। अब तक इस पर जिम्मेदारों की नजर कैसे नहीं पड़ी चिंता का विषय है। जिम्मेदारों को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
गुरमीत सिंह मंगू, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री
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रानीतालाब का ठेका पूर्व में दिया गया था। टेंडर की अवधि पूरी होने के बाद नई प्रक्रिया शुरू की गई है। पहले टेंडर में कोई आवेदन नहीं आया तो फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। आरोप बेबुनियाद हैं, क्योंकि जब तक नई टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तब तक नगर निगम के कर्मचारी वसूली के लिए लगाए गए हैं। हर दिन का हिसाब रहता है। प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है।
डॉ. सौरभ सोनवणे, आयुक्त नगर निगम
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