Friday, February 7

रीवा। नगर निगम में पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे टकराव पर लगाई गई याचिका से जुड़े मामले में कोर्ट ने अवमानना का प्रकरण दर्ज किया है। जिस पर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, तत्कालीन नगर निगम आयुक्त एवं वर्तमान में सिवनी की कलेक्टर संस्कृति जैन, नगर निगम के स्पीकर व्यंकटेश पांडेय एवं नगर निगम के परिषद सचिव एमएस सिद्दीकी को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 23 सितंबर 2024 को नियत की गई है, इसके पहले सभी को कोर्ट के सामने अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा।

यह याचिका नगर निगम के मेयर इन काउंसिल के सदस्य धनेन्द्र सिंह बघेल की ओर से लगाई गई थी। जिस पर पूर्व में ही कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया था कि शासन के स्तर पर 30 जून 2024 के पहले निराकरण कराया जाए। इसके साथ ही याचिका की सुनवाई भी पूरी हो गई थी। इस मामले में मेयर इन काउंसिल के अधिकारों को लेकर कोई निराकरण नहीं किया गया और इधर परिषद में यह कहा गया कि कोर्ट ने याचिका डिस्पोज कर दी है। जिसके चलते मेयर इन काउंसिल के सदस्य धनेन्द्र सिंह बघेल ने अवमानना याचिका दायर की, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने उनके द्वारा दायर की गई याचिका में दिशा-निर्देश दिए गए थे लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। जबकि प्रमुख सचिव को इस संबंध में पत्र भी लिखा गया लेकिन कार्रवाई नहीं की गई और न ही कोई अभ्यावेदन कोर्ट में दिया गया। इधर मनमानी पूर्वक प्रक्रिया भी अपनाई जा रही थी। जिसके चलते बीते 5 अगस्त को अवमानना याचिका दायर की थी। उस पर संबंधित जिम्मेदारों को अब नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सम्मिलन में नियम विरूद्ध एजेंडे जोड़े गए, इसका विरोध किया गया लेकिन सत्ता के दबाव में इस पर रोक नहीं लगाई गई। विहित अधिकारी संभागायुक्त ने भी शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं की तो न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण ली और अब उन्हें न्याय मिल रहा है।
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मेयर इन काउंसिल को बायपास करने का है आरोप
मेयर इन काउंसिल में आए प्रस्ताव को संशोधनों के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए वापस लौटाया गया था। परिषद की जब बैठक हुई तो अध्यक्ष की अनुमति लेकर आयुक्त ने तीन प्रस्ताव प्रस्तुत किए। जिन्हें बहुमत के आधार पर पास भी कर दिया गया। जिन प्रस्तावों को लेकर महापौर एवं कांग्रेस पार्षदों की आपत्ति थी उसमें प्रमुख रूप से हाउसिंग बोर्ड द्वारा विकसित किए गए रतहरा के तालाब और पंचमठा धाम के नए निर्माण कार्य अधूरे हैं फिर भी रखरखाव के लिए हस्तांतरण किया जा रहा है। इसके साथ ही सिरमौर चौराहे में बनाई गई 84 नई दुकानों के आधिपत्य से जुड़ा मामला शामिल था।

महापौर एवं एमआईसी की मांग थी कि पहले यह तय हो कि दोनों नए कार्यों से निगम को क्या लाभ होगा और दुकानों के आवंटन में नियमों का पालन हुआ है या फिर नहीं। इन्हीं मामलों से जुड़े तीन एजेंडों को परिषद में संख्याबल के आधार पर पारित कराया गया था। जिसका लगातार विरोध कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है।

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