Thursday, September 19

 

रीवा। स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। इसकी शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने जांच कराए जाने का निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिया है। जिसमें कहा गया है कि जांच कमेटी गठित कर बिन्दुवार जांच कराई जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। कलेक्टर के निर्देश पर विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है।

इस मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदेह के घेरे में माना गया है। सभी के विरुद्ध अलग-अलग जांच कराकर भूमिका तय करने को कहा गया है। यह मामला पूर्व सीएमएचओ बीएल मिश्रा के कार्यकाल का बताया जा रहा है। आरोप है कि कर्मचारियों के अटैचमेंट और फर्जी बिलों के आधार पर भुगतान व्यापक पैमाने पर हुआ है।

शासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाए जाने का मामला बताया जा रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर से बृजनाथ प्रसाद तिवारी नाम के व्यक्ति की ओर से की गई थी। जिसमें आरोप है कि तत्कालीन सीएमएचओ ने २१ जून २०२३ से लेकर आठ सितंबर २०२३ तक के बीच करीब दो करोड़ रुपए से अधिक की खरीदी की गई थी। जिसमें नियमों की अनदेखी हुई है।

पुराने कंडम वाहनों के नाम पर भी ढाई लाख रुपए का डीजल और डेढ़ लाख रुपए मेंटेनेंस के नाम पर भुगतान किया गया, जबकि उक्त वाहन लंबे समय से खड़े हैं। कई अन्य पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अनियमितता हुई, जब मामले सामने आए तो उन पत्रों को त्रुटिपूर्ण बताकर आदेश निरस्त किया गया।

जिले में आईईसी प्रचार प्रसार के बिना ही लाखों रुपए के भुगतान की भी जांच कराने की मांग उठाई गई है। जिन अस्पतालों में सफाई की एजेंसी नियुक्त है, वहां के लिए भी २० लाख के फिनायल खरीदी का सत्यापन कराने की मांग उठाई गई है। इस शिकायत में लेखापाल संतोष तिवारी, सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी, फार्माशिष्ट रवि दुबे सहित अन्य के विरुद्ध भी कई बिन्दुओं की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।

– शतर्कता अधिकारी ने मांगी है रिपोर्ट
कलेक्टर कार्यालय के शिकायत सतर्कता अधिकारी की ओर से सीएमएचओ को भेजे गए पत्र में शिकायतकर्ता का आवेदन भी दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि शिकायत के बिन्दुवार जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जानकारी मिली है कि इस तरह की एक शिकायत पूर्व में भी हुई थी, उस पर भी रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

– जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
शिकायत के बाद जांच कराए जाने के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि पूर्व में आई शिकायतों की जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद उसके गुणदोष के आधार पर कार्रवाई होगी। साथ ही कहा कि कई बार एक ही मामले में अलग-अलग शिकायतें आते हैं तो जांच कमेटी संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार करती है और उसमें समय लगता है।

– संजीवनी केन्द्रों में नियुक्ति की जांच पूरी
स्वास्थ्य विभाग में कुछ दिन पहले भी एक अनियमितता सामने आई थी। यह दूसरे सीएमएचओ के कार्यकाल थी। बीते फरवरी महीने में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. केएल नामदेव द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में जांच की जा रही थी। यह जांच पूरी हो गई है, अब रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में विभाग को आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली एजेंसी कैपिटल इंफोलाइन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जिसमें कहा गया था कि एजेंसी को कोई जानकारी दिए बिना ही विभाग द्वारा उसके नाम पर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है। संबंधित कर्मचारियों के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है। यह नियुक्तियां संजीवनी क्लीनिकों के लिए चार डाटा एंट्री आपरेटर और आठ सपोर्टिंग स्टाफ की थी। बताया गया है कि जब जांच पूरी हो चुकी है।

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