Thursday, September 19

रीवा। जिला न्यायालय में चेक बाउंस के एक प्रकरण की समीक्षा में कोर्ट ने परिवाद खारिज कर दिया है। परिवादी द्वारा लगाए गए आरोपों को दूसरे पक्ष ने कूटरचना बताया और वह सही दस्तावेज नहीं सौंप पाए जिसके चलते प्रकरण खारिज किया गया है। कोर्ट में पैरवी कर रहीं अधिवक्त सरिता सिंह सेंगर ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अक्षत तायल की अदालत ने परिवाद की समीक्षा विस्तार से की, इसके बाद फैसला सुनाया है।
परिवादी मुकेश सिंह द्वारा आरोपी जंगबहादुर सिंह निवासी ग्राम रामनई जिला रीवा के विरुद्ध इस बात को परिवादपत्र प्रस्तुत किया गया कि जंगबहादुर ने परिवादी से 9 लाख रुपये अप्रैल 2017 में उधार लिया था। इसका भुगतान करने के लिए नौ लाख रुपए का चेक दिया था जो बैंक में अनादरित हो गया। जंगबहादुर की ओर से कोर्ट में तर्क दिया गया कि बीमा की राशि जमा कराने के लिए उनसे चेक लिया गया था और यह कहते हुए तीन चेक लिए गए कि पहले वाले गायब हो गए हैं। साथ ही आरोप लगाया कि उनके चेकों का गलत उपयोग कर फंसाने की साजिश रची जा रही है।

परिवादी अपने आरोपों के बाद यह नहीं साबित कर पाए गए कि उक्त चेक उधारी की रकम चुकाने के लिए दिया गया था। इस कारण यह माना गया है कि बीमा की राशि जमा करने के लिए दिए गए चेक का गलत उपयोग किया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट का फैसला आने के बाद अब पुलिस थाने में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

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