रीवा। जिला पंचायत के सामान्यसभा की बैठक में 15वें वित्त की राशि बंटवारे को लेकर तकरार खुलकर सामने आई है। विधायक प्रतिनिधियों और जिला पंचायत सदस्यों के बीच 15वें वित्त की राशि के बंटवारे को लेकर अलग-अलग तरह से दावे किए गए। इसी राशि के अनुमोदन के लिए विशेष बैठक बुलाई गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में कई सदस्यों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे कार्यों को प्राथमिकता में रखा जाए जो अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने वाले हों।

सदस्य पद्मेश गौतम ने समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता से जुड़े कार्यों के लिए १५वें वित्त की राशि मिली है। इसका उपयोग सभी जिला पंचायत सदस्यों के प्रस्ताव के आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायकों के पास शासन के कई मद होते हैं, उनकी विधायक निधि भी होती है। इसलिए क्षेत्र के विकास में वह शासन से राशि लेकर आ सकते हैं लेकिन जिला पंचायत सदस्यों के पास कोई अलग से निधि नहीं होती, इस कारण यह राशि सदस्यों के प्रस्ताव पर खर्च हो। इसी तरह केडी शुक्ला ने भी कहा कि यह राशि जिला पंचायत को इसीलिए दी जाती है कि जरूरत के हिसाब से सदस्य खर्च करा सकें। अन्य कई सदस्यों ने भी इस बात पर जोर दिया कि उक्त राशि का जिला पंचायत के स्तर पर ही उपयोग किया जाए।

– शासन की राशि है, विधायक भी क्षेत्र के विकास में खर्च करेंगे
सिरमौर विधायक प्रतिनिधि भूपेन्द्र सिंह मुरारी ने कहा कि १५वें वित्त की राशि शासन द्वारा दी गई है। जिला पंचायत सामान्यसभा में विधायक भी विशेष आमंत्रित सदस्य होते हैं। इसलिए विधायकों के प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सामान्यसभा के सभी सदस्यों को बराबर महत्व देते हुए अनुमोदन कराया जाए। इस बीच यह भी बात उठाई गई कि गत वर्ष रीवा और देवतालाब विधायकों के प्रस्ताव को महत्व दिया गया था। इस बार यदि विधायकों को शामिल किया जाता है तो सभी को बराबर महत्व दिया जाना चाहिए।

जर्जर भवनों को लेकर सदस्यों ने जताई नाराजगी
बैठक में लालमणि त्रिपाठी सहित अन्य सदस्यों ने एक साथ जर्जर भवनों का मुद्दा उठाया। कहा कि स्कूलों के जर्जर भवन हैं, आए दिन हादसे हो रहे हैं। गत दिवस एक लड़की चोटिल हो गई थी। जिले भर में ऐसे भवन हैं जो तेज बारिश के समय गिर भी सकते हैं। सदस्यों ने मांग उठाई कि 15वें वित्त की 3.38 करोड़ रुपए से ऐसे कार्यों को चिन्हित किया जाए जिससे अधिक संख्या में लोग जुड़े हों।

अंतिम निर्णय नहीं हो पाया
15वें वित्त की राशि का बंटवारा किस तरह से होगा यह तय नहीं हो पाया। जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवणे ने कहा कि सभी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए नियमों का अध्ययन करेंगे। इसके बाद किस तरह से प्रक्रिया अपनाई जाएगी इसकी सूचना देंगे।
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