Doctors protested against the collector:  श्यामशाह मेडिकल कालेज रीवा के डाक्टर्स और जिला प्रशासन के बीच एक बार फिर से टकराव की स्थिति बन गई है। कलेक्टर द्वारा मेडिकल कालेज और उससे संबद्ध अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त किए गए प्रशासकीय अधिकारी का विरोध शुरू किया गया है।

मेडिकल कालेज में टीचर्स एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई, जहां पर निर्णय लिया गया है कि कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश का विरोध किया जाएगा। बैठक में डाक्टर्स ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की महाविद्यालय के दैनिक कार्यों में अनावश्यक प्रशासकीय दखलंदाजी पूर्णत: अस्वीकार्य है। इस तरह के आदेश चिकित्सा शिक्षकों के सम्मान के अनुरूप नहीं हैं।

पूर्व में भी राज्य स्तर पर विभिन्न मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक आधिकारियों की नियुक्ति का प्रयास किया गया था जिस पर पूरे प्रदेश में विरोध किया गया था। डाक्टरों के हड़ताल पर जाने की वजह से सरकार को उक्त आदेश वापस लेना पड़ा था। अब एक बार फिर टकराव की स्थिति बनती जा रही है। कोलकाता में मेडिकल कालेज की ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद रीवा सहित प्रदेशभर में सुरक्षा को लेकर नई व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।

इसी के तहत रीवा में भी कलेक्टर ने सहायक कलेक्टर(आईएएस) सोनाली देव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। जिसमें उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है कि मेडिकल कालेज से जुड़े संजयगांधी अस्पताल, गांधी स्मारक अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सीय कार्य के साथ अन्य व्यवस्थाओं में निगरानी करेंगी। वह बतौर नोडल अधिकारी रिपोर्ट देंगी। यहां के साथ ही जिला अस्पताल की भी जिम्मेदारी मिली है।

अब मेडिकल कालेज के डाक्टर्स के विरोध के चलते प्रशासन के साथ टकराव के हालत बन रहे हैं। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर द्विवेदी, डॉ. पुष्पेन्द्र शुक्ला ने संयुक्त रूप से बताया है कि जिला प्रशासन का प्रशासकीय अधिकारी नियुक्त किए जाने का निर्णय उचित नहीं है, इसलिए सामूहिक रूप से इसका विरोध किया गया है। यदि प्रशासन अपना निर्णय वापस नहीं लेगा तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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