मऊगंज। दूषित पानी का सेवन करने से एक गांव के दर्जन भर से अधिक लोग बीमार हो गए। उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद सभी लोगों को उपचार के लिए अस्पताल लाया गया है। सभी पीडि़त अलग-अलग घरों के लोग है जिन्होंने एक हैण्डपंप का पानी पिया था। आशंका जताई जा रही है कि हैण्डपंप का पानी ही प्रदूषित था।
मध्यप्रदेश के नव गठित जिला मऊगंज में मऊगंज थाने के सीतापुर डोढ़ा दुआरी गांव की घटना बताई जा रही है। यहां पर अलग-अलग घरों के करीब पन्द्रह लोग शनिवार को अचानक बीमार हो गए। दरअसल गांव के लोगों केा अचानक उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी थी। सभी की एक-एक करके तबियत खराब होने लगी जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
मरीजों की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्होंने इलाज के लिए मऊगंज अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि मरीजों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। सभी लोगों ने गांव के एक हैण्डपंप का पानी पिया था। आशंका जताई जा रही है कि हैण्डपंप का पानी दूषित था जिसका सेवन करने से उनकी हालत बिगड़ गई।
ये हैं बीमार
इस गांव में तीन दिन से लोग दूषित पानी का सेवन कर बीमार हो रहे थे। शनिवार को एक साथ 15 से अधिक लोगों की तबियत खराब हो गई। इसके बाद पंचायत सचिव उमेश शुक्ला ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी। बीमार लोगों में संदीप साकेत, अनिल साकेत, राम निरंजन, आरती, अमितेश, जितेंद्र, लवकुश, वंदना साकेत , आंचल साकेत, ओम प्रकाश, किरण साकेत, पूजा, आरती, लक्ष्मी, नीरज, नीतू, भारती विश्वकर्मा और दो माह का एक बच्चा शामिल है।
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डामर प्लांट की वजह से दूषित हुआ पानी
जिस हैंडपंप का पानी पीकर लोग बीमार हो रहे हैं वह डामर प्लांट की वजह से दूषित हुआ है। दरअसल डामर प्लांट से निकलने वाला गंदा पानी हैंडपंप के समीप एकत्रित होता है। वह जमीन के अंदर जाकर हैंडपंप के पानी में मिलता है जिसकी वजह से हैंडपंप का पानी दूषित हो गया है। अनजाने में लोगों ने इस पानी का सेवन कर लिया जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई। फिलहाल हैंडपंप के पानी के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।