Thursday, September 19

पन्ना। भगवान जुगल किशोर मंदिर में इन दिनों श्रद्धा और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। पितृपक्ष के आरंभ होते ही यहां के दृश्य में खास बदलाव आया है। बुंदेलखंड के वृंदावन कहे जाने वाले इस मंदिर में भगवान जुगल किशोर ने अपने पितरों के तर्पण के लिए सफेद वस्त्र धारण कर लिए हैं, जो 16 दिनों तक जारी रहेंगे। इस पवित्र समय में भगवान जुगल किशोर और राधा रानी हर दिन सफेद कपड़ों में सजते हैं।
पितृपक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों को सम्मानित करने का समय है। परिजन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हैं। इसी श्रद्धा को भगवान जुगल किशोर भी अपने भक्तों के साथ निभाते हैं। मंदिर के पुजारी मुकेश शर्मा बताते हैं कि पूर्णिमा से अमावस्या तक भगवान और राधा रानी दोनों सफेद वस्त्र धारण करेंगे। सफेद रंग का यह विशेष परिधान हर दिन बदला जाता है, जिससे श्रद्धालु भगवान के प्रति अपनी भक्ति और विश्वास प्रकट करते हैं।
——————–
सूर्योदय के बाद तालाब में तर्पण
मंदिर परिसर में स्थित किशोर सागर तालाब में प्रतिदिन सूर्योदय के बाद भगवान जुगल किशोर तर्पण करते हैं। यह तर्पण अनुष्ठान सफेद फूल, काली तिली, जवा और चावल के साथ संपन्न होता है, जो पितरों की शांति के लिए अर्पित किए जाते हैं। मंदिर के पुजारी भगवान जुगल किशोर को 16 दिनों तक नियमित से तर्पण करवाते हैं। भगवान के तर्पण करने के बाद श्रद्धालु भी इसी तालाब में अपने पूर्वजों को तर्पण अर्पित करते हैं। इस अनुष्ठान के दौरान भगवान और उनके भक्तों के बीच का यह गहरा आध्यात्मिक संबंध पितृपक्ष की महत्वता को और भी अधिक बढ़ा देता है।
——————–
मंदिर निर्माण के समय से चली आ रही परंपरा
यह परंपरा मंदिर के निर्माण के समय से ही चली आ रही है। अब यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि आस्था का एक जीवंत प्रतीक भी बन गई है। भक्तों का मानना है कि भगवान जुगल किशोर स्वयं तर्पण करके उन्हें उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हैं, जिससे वे भी अपने पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को बनाए रखें।

Share.
Leave A Reply