Friday, February 7

Fractional Flow Reserve Cardiology : श्यामशाह मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक और नई स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत की है। यह सेवा उन मरीजों के लिए कारगर होगी जिनकी स्वास्थ्य समस्याओं का पता एंजियोग्राफी की जांच में भी नहीं लग पाता था। ऐसे मरीजों को जांच के लिए रीवा से बाहर जाना पड़ता रहा है। पूर्व में कई मरीज ऐसे आए जिनके हार्ट की समस्या का पता एंजियोग्राफी से नहीं चला तो उन्हें बाहर जाना पड़ा।

अब कार्डियोलॉजी विभाग के डाक्टरों ने फ्रेक्शनल फ्लो रिजर्व (Fractional Flow Reserve) की सेवा शुरू की है। इसकी जांच का प्रोसीजर एक 60 वर्षीय महिला मरीज का सफलता पूर्वक पूरा किया गया है। चिकित्सकों की मानें तो कोरोनरी धमनियों में मध्यम गंभीरता के रुकावटों का सटीक मूल्यांकन करने में एफएफआर काफी कारगर होता है। इससे हार्ट की प्रमुख समस्याओं की जानकारी का पता चलेगा।

यह एक उन्नत तकनीक है जो हृदय रोगियों के लिए अधिक सटीक और व्यक्तिगत उपचार में मददगार साबित होती है। यह तकनीक विशेष रूप से उन मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके एंजियोग्राम में स्पष्ट नहीं होता कि कोरोनरी स्टेनोसिस कितनी गंभीर है, और जिन्हें अतिरिक्त जांच की आवश्यकता होती है।

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कुछ दिन पहले ही कार्डियोलॉजी विभाग के डाक्टरों ने यह सुविधा प्रारंभ करने की मांग उठाई थी। जिसमें कहा था कि यदि यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी तो यहां से मरीजों को जांच के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। जिस पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने आश्वासन दिया था कि संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। इस पर मेडिकल कालेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल, सुपर स्पेशलिटी के अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव आदि ने सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया और अब प्रोसीजर भी पूरा कर नई शुरुआत की गई है।

– रीवा का कार्डियोलॉजी नवाचार में आगे
प्रदेश के मेडिकल कालेजों में कार्डियोलॉजी विभागों की रैंकिंग में रीवा का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अन्य की तुलना में बेहतर परिणाम दे रहा है। रीवा में कई ऐसे नवाचार हुए हैं जो प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेजों में नहीं हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी, सहायक प्राध्यापक डॉ. एसके त्रिपाठी सहित अन्य ने कई जटिल प्रोसीजर कर मरीजों की जान बचाई है। रीवा से बड़ी संख्या में दूसरे शहरों में लोग उपचार के लिए बाहर जाते रहे हैं। अब हार्ट के मरीजों के बाहर जाने की संख्या कम हुई है। दावा है कि महानगरों की तरह रीवा में भी कार्डियोलॉजी की सेवाएं उपलब्ध हैं।

हमारा लक्ष्य है कि हम मरीजों को सबसे उन्नत और सटीक चिकित्सा सेवाएं मिलेंं। एफएफआर की शुरुआत से हमें विश्वास है कि हम हृदय रोग के निदान और उपचार में एक नया मानक स्थापित करेंगे। अब इसके लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
डॉ. वीडी त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी रीवा

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