Friday, February 7

first time paperless election 2024 : रीवा जिले में पहलीबार पेपरलेस चुनाव की प्रक्रिया आयोजित कराई गई। इसमें वोटर लिस्ट की जगह बड़े एलईडी स्क्रीन पर मतदाताओं के नाम और फोटो का सत्यापन कराया गया। यह पहला मौका था जब इस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई। त्योंथर जनपद की ग्राम पंचायत अतरैला-11 में रिक्त सरपंच पद के लिए हुए निर्वाचन के लिए 69.48 प्रतिशत मतदान हुआ। ग्राम पंचायत में बनाए गए तीन मतदान केन्द्रों में इलेक्ट्रॉनिकली निर्वाचन प्रक्रिया अपनाई गई। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतिभा पाल ने पेपरलेस निर्वाचन प्रक्रिया का मतदान केन्द्रों में पहुंचकर अवलोकन किया।
एग्रीगेटेड इलेक्शन मैनेजमेंट ऑनलाइन निर्वाचन प्रक्रिया में तैयार किए गए मॉड्यूल पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से पीठासीन अधिकारी ने समस्त निर्वाचन प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिकली कराकर ऑनलाइन जानकारियां फीड की। इस दौरान निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षण एवं तकनीकी सहायता के लिए नियुक्त अधिकारियों के दल में उप सचिव सुतेश शाक्य के अतिरिक्त नरेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र अमोदे, नुपूर पाराशर, भूपेन कुमार, दीपेश सोनी व जितेन्द्र पाठक ने सहयोग किया। संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहकर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई।

भोपाल में हुआ था पहला प्रयोग, परिणाम रुका

रीवा जिले की अतरैला-11 ग्राम पंचायत में यह पेपरलेस निर्वाचन प्रक्रिया भोपाल जिले के बैरसिया विकासखंड के रतनपुर पंचायत के बाद दूसरी बार सफलता पूर्वक संपन्न कराई गई है। भोपाल में अपनाई गई प्रक्रिया कोर्ट में मामला जाने की वजह से विचाराधीन है। रीवा जिले में हुई प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी हुई है। इस कारण कहा जा रहा है कि पेपरलेस प्रक्रिया पूरी करने वाला रीवा जिला पहला है।

कलेक्टर ने मतदाताओं से लिया फीडबैक

कलेक्टर ने मतदान केन्द्र में पहुंचकर पीठासीन अधिकारी के समक्ष एपिक कार्ड को प्रदर्शित करने पर उसकी समस्त जानकारी फोटो सहित स्क्रीन में डिस्प्ले होने से संबंधित जानकारी की। मतदाताओं व निर्वाचन अभिकर्ताओं से इस अभिनव प्रयोग के बारे में पूछताछ की। मतदाताओं एवं अभिकर्ताओं ने कहा कि पेपरलेस निर्वाचन से पारदर्शिता के साथ समय की बचत हुई। इसके साथ ही फर्जी वोटिंग की आशंका पूर्णत: खतम हो गई। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने विजिट शीट में डिजिटली हस्ताक्षर किए।

पेपरलेस प्रक्रिया से होंगे यह फायदे

पेपरलेस प्रक्रिया से निर्वाचन कार्य में कम से कम अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी। पहले जहां चार से पांच कर्मचारी लगाए जाते थे, नई व्यवस्था में दो लोग ही प्रक्रिया पूरी करा सकेंगे। इसमें मतदान प्रतिशत की सटीक जानकारी मिलेगी, साथ ही मैन्युअल रिपोर्टिंग में होने वाली त्रुटियों की आशंका भी कम रहेगी। मतदान टीम को २६ प्रकार के फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी।

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राज्य निर्वाचन आयोग ने नवाचार के तहत पेपरलेस चुनाव प्रक्रिया का निर्देश दिया था। इसमें ईवीएम के पहले की प्रक्रिया में मतदाता का सत्यापन आनलाइन तरीके से होता है। स्क्रीन पर पूरा ब्यौरा डिस्प्ले होता है, जिसे वहां मौजूद प्रत्याशियों के अभिकर्ता भी देखते हैं। इसका बड़ा फायदा यह भी है कि रिपोर्ट तैयार करने में समय नहीं लगता। लाइव अपडेट कंट्रोल रूम को मिलता रहेगा।
प्रतिभा पाल, जिला निर्वाचन अधिकारी रीवा

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