रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशलिटी में डाक्टर्स ने एक बार फिर नया प्रयोग सफलता पूर्वक पूरा करते हुए मरीज की जान बचाई है। प्रदेश भर में यह पहला अवसर है जब किडनी की समस्या से ग्रसित मरीज का उपचार हार्ट के विशेषज्ञों ने पूरा किया है। ऐसा कर न केवल एक मरीज को बड़े आपरेशन से बचाया गया है बल्कि उपचार की नई पद्धति की शुरुआत भी कर दी गई है।
चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह की सफलता इसके पहले मिलने की जानकारी नहीं है, इसलिए यह पहला सफल प्रोसीजर है। बताया गया है कि 65 वर्षीय बुजुर्ग की किडनी में चोट लगने की वजह से रीनल आर्टरी (किडनी की ब्लड सप्लाई) वाली आर्टरी फट गई थी इसके कारण मरीज को लगातार पेशाब में खून जा रहा था। जिस पर किडनी के विशेषज्ञों ने जांच के बाद यह माना कि इसके उपचार के लिए ओपन ऑपरेशन कर आर्टरी को सील करना उपचार है।
सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में उसी तरीके का उपयोग किया जाता है। इस बार किडनी के विशेषज्ञों ने कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी के पास मामला भेजा। कई दिनों तक अध्ययन के बाद इस उपचार के अल्टरनेटिव के रूप में इंटरवेंशनल पद्धति से आर्टरी को बंद करने का निर्णय लिया गया। पहला मौका था जब इस तरह का प्रोसीजर अपनाया जा रहा था इसलिए सतर्कता के साथ काम किया गया।
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एंजियोप्लास्टी बैलून का उपयोग
आर्टरी को बंद करने के लिए सीलेंट के रूप में कई मटेरियल का उपयोग किया जाता है पर इस केस में एंजियोप्लास्टी बैलून का उपयोग कर बैलून को एम्बो-लाइज़ किया गया। यह प्रयोग सफल रहा और मरीज की आर्टरी से ब्लड का रिसाव भी बंद हो गया। इस प्रोसीजर में विभागध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी के साथ सहायक प्राध्यापक डॉ अवनीश शुक्ल और केथ लैब के जय, मनीष, सत्यम, सुमन, सुधांशु सहित अन्य शामिल रहे।
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किडनी में चोट की वजह आर्टरी फटने से मरीज को समस्या था। केस हमारे पास आया था, सामान्यतौर पर इसे ओपन आपरेशन के जरिए ठीक किया जाता है। हमने इंटरवेंशन पद्धति का उपयोग किया, मरीज को राहत मिली है। इससे अब आगे भी उपचार की राह आसान होगी।
डॉ. वीडी त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी रीवा
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