Thursday, September 19

रीवा। भाजपा के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी इनदिनों हासिए पर चल रहे हैं। उनका दर्द सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है। जिसमें उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से वर्तमान जिम्मेदारों पर जनता की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। उनका पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर भाजपा के भी कुछ कार्यकर्ता व्यंग कस रहे हैं, साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा के भीतर गुस्सा भरा है, वह जल्द ही फूटने वाला है।

सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में श्यामलाल की ओर से कहा गया है कि भारत के धर्मग्रंथ प्रमाण हैं कि राजा प्रजा के पिता समान होता है। राजा से बढ़कर प्रजा का कोई सेवक भी नहीं होता। किन्तु जो राजा प्रजा की समस्याओं को सुनने में उपेक्षा करता है, उस पर निरीह प्रजा का श्राप भी लगता है। जिससे उसका विनाश सुनिश्चित है, उसकी रक्षा स्वयं महाकाल भी नहीं करते। पूर्व विधायक के लेटरपैड पर लिखे गए इन शब्दों से विपक्ष भाजपा पर निशाना साध रहा है।

कांग्रेस नेता गुरमीत सिंह मंगू कहते हैं कि भाजपा में अंदरूनी झगड़ा चरम पर है, जल्द ही सड़क पर इनका विवाद सामने आ जाएगा। इसी तरह दूसरे कई नेताओं ने भी अपने बयान में कहा है।

वहीं इस मामले में श्यामलाल द्विवेदी का कहना है कि उन्होंने जो लिखा है वह मन का उद्गार है और कटु सत्य भी है। इसका किसी तरह से राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाए। साथ ही यह भी कहा है कि कौन क्या मतलब निकाल रहा है, इससे उनका लेनादेना नहीं है।

– राजनीतिक पुनर्वास के इंतजार में पूर्व विधायक
त्योंथर से टिकट कटने के बाद श्यामलाल नाराज चल रहे थे। उन्हें सत्ता या संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया गया था। करीब आठ महीने से अधिक समय पूरा हो चुका है। अब तक न तो किसी निगम-मंडल में जगह मिली है और न ही संगठन में तरजीह मिल रही है। इस कारण वह अपना गुस्सा अलग-अलग अंदाज में निकाल रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि वर्तमान विधायक ने भी पूर्व विधायक श्यामलाल से दूरी बना ली है, जिसके वजह से वह खुद उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

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