रीवा। सरपंच पति द्वारा कथित तौर पर पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप करने को लेकर उठे विवाद के बीच मामला कलेक्टर के पास तक पहुंच गया है। गंगेव जनपद क्षेत्र के कई पंचायतों के सरपंचों एवं उनके समर्थक कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां पर गंगेव जनपद में तैनात उपयंत्री प्रवीण कुमार पाण्डेय को हटाने और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई गई है।
ग्राम पंचायत सूरा की सरपंच कृष्णवती तिवारी ने ज्ञापन में कहा है कि बीते 27 जुलाई को सुबह 7:30 बजे के लगभग अपने निवास के सामने अभद्रता की तथा अन्य कई तरह से धमकी भी दी। इस घटनाक्रम का विडियो वायरल हुआ है और स्वयं उपयंत्री द्वारा सफाई भी मीडिया के सामने दी गई है। उक्त व्यक्ति ने इसके पहले भी कई सरपंच-सचिवों के साथ अभद्रता की है। जिस पर लगातार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नोटिस देकर जवाब भी मांगे जाते रहे हैं। उपयंत्री पांडेय को नईगढ़ी शिक्षा केन्द्र सहित कई जगह का अतिरिक्त प्रभार भी है।
इसके अलावा ज्ञापन में कई अन्य समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि पंचायतों में कामकाज प्रभावित कर रहे हंै। कई पंचायतों के सरपंचों ने कहा है कि उपयंत्री प्रवीण पांडेय को तत्काल गंगेव जनपद क्षेत्र से बाहर किया जाए, साथ ही जिस तरह से महिला सरपंच के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया है उस पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
सूरा पंचायत की सरपंच कृष्णवती तिवारी ने कहा है कि उक्त उपयंत्री ने भ्रष्टाचार करने के लिए उनके पंचायत के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अपने घर पर रखे हुए है, इस कारण आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
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– उपयंत्री का वीडियो भी शिकायत के साथ सौंपा
सूरा पंचायत की सरपंच ने कहा है कि उपयंत्री के पास पंचायत के दस्तावेज हैं, जिन्हें देने के लिए उन्होंने कहा था कि किसी को भेज दें तो वह दे देंगे। इस कारण पति अवधेश तिवारी उसी क्षेत्र में गए थे इस कारण उनसे दस्तावेज लेने को कहा था। जिनसे उपयंत्री ने कहा कि वह नहीं पहचानते, इस कारण मैं भी स्वयं पहुंची, जहां पर वह अभद्रता करने लगे और कहा कि घर पर कोई दस्तावेज नहीं है, पंचायत में देंगे। इस दौरान अभद्रता किए जाने का वीडियो भी शिकायत के साथ सौंपा है।
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सरपंच पति पर हस्तक्षेप का आरोप
उपयंत्री की ओर से विवाद की प्रमुख वजह सूरा सरपंच के पति अवधेश तिवारी द्वारा कार्य में हस्तक्षेप किए जाने को बताया जा रहा है। इसी के चलते उन्होंने पद से हटाने की धमकी दी है। वहीं इस मामले में अवधेश तिवारी ने कहा है कि उनकी पंचायत ऐसी है कि महिला सरपंच के साथ ही सभी २० पंच महिलाएं हैं। जनपद और जिला पंचायत सदस्य भी महिलाएं हैं। सरपंच का न तो वह कभी हस्ताक्षर करते और न ही उनकी कुर्सी पर बैठते हैं। इतना ही नहीं ग्रामसभा में भी किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करते। तिवारी ने कहा कि बैठकों या फिर अन्य कार्यों में पहुंचाने के लिए वह स्वयं या फिर भतीजे को भेजते हैं। इसी को विरोधी हस्तक्षेप बता रहे हैं। उपयंत्री को उन्होंने भी हटाने की मांग की है।
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प्रतिबंधात्मक आदेश हो चुके हैं जारी
पंचायतों की बैठकों एवं अन्य कार्यों में महिला सरपंचों के पति या फिर अन्य परिजनों द्वारा हस्तक्षेप किए जाने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। शासन की ओर से शासन की ओर से २८ अप्रेल २०१५ को आदेश जारी हुआ था। इसी मामले में २६ अगस्त २०२२ को कलेक्टर ने भी आदेश दिया था। कुछ लोगों पर कार्रवाई भी हुई थी लेकिन अब इसका पालन नहीं हो रहा है।
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गंगेव जनपद क्षेत्र के सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों ने ज्ञापन दिया है। जिसमें उपयंत्री के विरुद्ध शिकायत की गई है। मामले की जांच कराई जाएगी और उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
सौरभ सोनवणे, सीईओ जिला पंचायत रीवा
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