Friday, February 7

रीवा। बढ़ते तापमान की वजह से भीषण गर्मी के चलते आगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद कर दिया गया है। आगामी 15 जून तक बच्चे आगनबाड़ी केन्द्र में नहीं आएंगे, उन्हें पोषण आहार का वितरण जारी रहेगा। कलेक्टर ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए आदेश जारी किया है और कहा है कि आगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को नहीं बुलाया जाएगा लेकिन कार्यकर्ता और सहायिकाओं को हर दिन पहले की तरह केन्द्र में उपस्थिति दर्ज कराते हुए अपने अन्य कार्य करने होंगे। यह भी कहा गया है कि आंगनबाड़ी केन्द्र से सम्बद्ध हितग्राहियों को ताजा पका नाश्ता एवं भोजन तथा थर्डमील का प्रदाय समूह द्वारा स्थगित रखा जाएगा।

हितग्राहियों को इसके स्थान पर टेकहोम राशन आधारित (चावल आधारित सूखी खिचड़ी मिक्चर) तथा अतिकम वजन वाले 5 वर्ष के बच्चों को मिलेट्स आधारित सूखा खिचड़ी मिक्चर प्रति हितग्राही के लिए संबंधित स्व-सहायता समूह आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्रति कार्य दिवस के मान से उपलब्ध कराएंगे।

इस अवधि में स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदायित पोषण आहार का सत्यापन आंगनबाड़ी केन्द्र में गठित सहयोगिनी मातृ समिति द्वारा कराया जाएगा।

बता दें कि इस भीषण गर्मी में स्कूलों की तो छुट्टियां चल रही हैं लेकिन आगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को बुलाया जा रहा था। जिले के कई हिस्सों से बच्चों के बीमार होने की भी सूचनाएं आ रही थी।

स्कूलें  खुलेंगी पर कक्षाएं नहीं लगेंगी
एक जून से स्कूलें खुल जाएंगी। इस दौरान कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी। आगामी 15 जून के बाद ही कक्षाओं का संचालन किया जाना है। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता ने बताया कि एक जून से स्कूल शुरू होंगे, जहां पर शिक्षक पहुंचेंगे और कक्षा संचालन को लेकर अपनी तैयारियां शुरू करेंगे।

परीक्षा में विशेष इंतजाम किए जाएंगे
कक्षा पांच और आठ के ऐसे छात्र जो असफल हो गए हैं, उनके लिए फिर से परीक्षा देने का अवसर दिया गया है। यह परीक्षा तीन से आठ जून के बीच होगी। भीषण गर्मी को देखते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र का कलेक्टर के पास पत्र आया है। जिसमें कहा गया है कि बच्चों और शिक्षकों को इस गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं। परीक्षा केन्द्रों में शीतल पेय की व्यवस्था रहे और परीक्षा दे रहे छात्रों को बीच-बीच में पानी उपलब्ध कराया जाए। केन्द्र में ग्लूकोज, ओआरएस, इलेक्ट्राल जैसी जरूरी व्यवस्थाएं भी रहें। पंखे सभी चालू हालत में रहें, साथ ही विशेष परिस्थिति में नजदीकी अस्पताल तक पहुंचने की व्यवस्थाएं भी रहें। साथ ही कहा गया है कि अभिभावकों को भी बच्चों के बचाव के लिए इंतजाम करने के लिए संदेश देने के लिए कहा गया है।

15 जून के बाद खोली जाएं स्कूलें
जिले में भीषण गर्मी की वजह से स्कूलों का समय परिवर्तित करने की मांग उठाई गई है। एक जून से खुल रहे स्कूलों में गर्मी से बचाने के विशेष इंतजाम नहीं हैं। शिक्षक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आबाद खान ने कहा है कि रीवा में जिस तरह से तापमान ४८ डिग्री के पार तक जा चुका है। ऐसे मेें स्कूलों के बच्चों के साथ शिक्षकों के लिए भी बड़ी मुश्किलें आएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में न बिजली रहती और न ही पानी की व्यवस्था होती। इस वजह से स्कूलों का संचालन 15 जून के बाद कराया जाना उचित होगा।

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