Friday, February 7

बांधवगढ़(उमरिया)। मध्यप्रदेश के टाईगर रिज़र्व और फारेस्ट एरिया में पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश का अनुभव देने एवं देश की पारंपरिक विरासत को देश विदेश के पर्यटकों तक पहुँचने के उद्देश्य के लिए मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व सहित सभी टाईगर रिज़र्व एरिया और नेशनल पार्क क्षेत्र में होम स्टे की सुविधा प्रदान की जा रही है।

ग्रामीण पर्यटन की शुरुआत के रूप में इसे मध्यप्रदेश में देखा जा रहा है। होम स्टे का उद्देश्य यह भी है कि नेशनल पार्क के क्षेत्र के बफर और कोर ज़ोन में रहने बसे गावों के ग्रामीणों को होम स्टे के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान करना है।इन्ही तमाम प्रष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के ग्राम रंक्षा में होम स्टे की शुरुआत की गई है। देश विदेश के पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश मा अनुभव इस तरह के होम स्टे में ठहरने से मिल रहा है।होम स्टे के माध्यम से अब मेहनत मजदूरी करने वाले ग्रामीणों को आय का अतिरिक्त साधन मिल रहा है।

बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के कोर जोन में बसे ग्राम रंछा निवासी चंद्रिका सिंह बताते है कि मैं पेशे से कारपेंटर हूँ।अपने घर के बगल में मैंने होम स्टे के लिए यह रूम बनाया है।होंम स्टे के माध्यम से अभी तक मैंने एक लाख से अधिक की आय अर्जित की है।होम स्टे के माध्यम से न केवल पर्यटक हमारी लाइफ स्टाइल से संस्कृति से परिचित होते है बल्कि हम भी उनकी लाइफ स्टाइल और रहन सहन के तौर तरीके सीखते है। हमने जो यह होम स्टे बनाया है। इसमें हमें दो हजार से लेकर 4000 तक का रूम रेंट मिल जाता है। होम स्टे में रुकने वाले पर्यटकों का भोजन मेरी पत्नी और मैं हम दोनों मिलकर बनाते हैं।

जन जातीय कार्य विभाग, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुर्नवास मंत्री डॉक्टर कुँवर विजय शाह ने बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व के कोर ज़ोन में बसे ग्राम रंक्षा में चंद्रिका सिंह के द्वारा बनाए गए होम स्टे का कलेक्टर उमरिया के साथ अवलोकन किया और मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे मध्यप्रदेश में जितने भी नेशनल पार्क है और टूरिस्ट स्थान है यहां बड़े बड़े लोग आते है होटल और रिसार्ट बनाकर पैसे कमाते है।और चले जाते है। इस कॉन्सेप्ट से हटकर प्रदेश सरकार ने होम स्टे के माध्यम से न सिर्फ हमारे आदिवासी भाई और बहनों को आर्थिक लाभ होगा बल्कि इनके माध्यम से वन और वन्य जीव के संरक्षण संवर्धन का काम भी इनके द्वारा होगा। इस कांसेप्ट को हम अमली जामा पहनाने का काम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की सरकार टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ मिलकर के नेशनल पार्क एरिया में ऐसे अनेकों घर बनाएंगे जिससे दो पैसे कमाकर गरीब आदमी के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आए। हमारे गरीब आदिवासी भी अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा पाए। कलेक्टर उमरिया और जिला प्रशासन का यह प्रयास बहुत ही अद्भुत है। इस मॉडल को हम मध्य प्रदेश से पूरे देश में ले जाने का प्रयास करेंगे।

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वही होमस्टे विजिट करने के बाद मंत्री जन जातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश ने आगे कहा कि होमस्टे के सपने को साकार होता देखकर के मैं बहुत ही खुश हूं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 12 होमस्टे बनाए जाने की योजना है। इन सभी होमस्टे में एक अच्छा वाटर कूलर, एक गर्म पानी की केतली,गिलास और कप मैं अपनी ओर से इनके लिए भिजवाऊंगा। ताकि होम स्टे से जुड़े हुए हमारे आदिवासी भाई और भी प्रोत्साहित हो करके अपने इस काम को आगे बढ़ा सकें। मध्य प्रदेश सरकार का सपना है गरीबों के चेहरे पर मुस्कुराहट यह मुस्कुराहट इसी तरह के प्रयासों से आ सकती है। जिला प्रशासन उमरिया इस काम के लिए बधाई की पात्र है। हमारे आदिवासी भाई अपनी ही जमीन पर सब्जियां उगा करके पर्यटकों को खिलाएंगे। होमस्टे ए को देखने के बाद मैंने मन बनाया है अगली बार जब मैं उमरिया आऊंगा तो मैं यहीं रुकूंगा।

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दिल्ली से बांधवगढ़ नेशनल पार्क पहुँचे राजबीर सिंह ने होम स्टे में रुकने के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण माहौल में रुकने का अनुभव बहुत ही अच्छा है। होम स्टे में सारी व्यवस्थाएं मिल रही है। हमारे जैसे जो भी लोग बांधवगढ़ का टाइगर रिजर्व में टाईगर साइटिंग के लिए आते है। पर्यावरण को नजदीक से देखने के लिए होमस्टे एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। गांव में ठहरने के बाद में गांव की कल्चर का,फूड का और रहन-सहन का आनंद लेने के लिए होमस्टे बहुत ही एक अच्छा माध्यम है।

 

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