रीवा। शहर के वार्ड 44 में स्थित चिरहुला कालोनी में लंबे समय के बाद नगर निगम ने अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई की है। इसको लेकर लगातार स्थानीय लोगों द्वारा मांग उठाई जा रही थी लेकिन राजनीतिक प्रभाव की वजह से अतिक्रमण स्थाई होता जा रहा था। गुरुवार को पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने होमगार्ड आफिस के सामने से चिरहुला कालोनी की ओर जाने वाले मार्ग में कार्रवाई की। इस बीच अतिक्रमण करने वालों ने हंगामा शुरू कर दिया और कई लोग बुलडोजर के सामने आ रहे थे। निगम के अधिकारियों के साथ ही पुलिसकर्मियों के साथ भी उलझ रहे थे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने समझाइश देकर शांत कराया और घरों के भीतर से सामग्री निकालकर खाली कराया। इसके बाद तोडऩे की कार्रवाई की गई। इस मार्ग में सड़क किनारे करीब 30 से अधिक लोगों ने कब्जा जमा रखा था। इस दौरान कई लोगों ने कच्चे मकान बनाए थे और कुछ पक्के बन गए थे और दुकानें भी संचालित की जा रही थी। यहां पर कब्जा करने से पहले गुमटियां रखी गई थी, बाद में झोपड़ी बनाई गई और उसके बाद स्थानीय अतिक्रमण कर रखा था। कुछ दिन पहले कालोनी के अन्य लोगों ने भी नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई थी कि इस अतिक्रमण की वजह से आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और आगे लोगों को जाना मुश्किल होता है। इस कार्रवाई के दौरान नगर निगम की ओर से कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी, सहायक यंत्री संतोष पाण्डेय, अतिक्रमण प्रभारी मनोज सिंह, उपयंत्री सुवर्णा तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।
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आशियाना टूटते देख फफक पड़ी महिलाएं
वर्षों से जिस स्थान पर महिलाएं रह रहीं उसे बुलडोजर से तोड़ते देख वह अपनी भावनाएं नहीं रोक पाईं और फफक कर रोने लगीं। इस दौरान कई लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने पहले उनके लिए व्यवस्था नहीं बनाई और सीधे अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी। रामलाल साकेत ने बताया कि वह काम पर गए थे और शाम को लौटे तो पता चला कि एनाउंस हुआ है। यह सोचा था कि घर खाली करने का समय देंगे लेकिन सुबह से ही जेसीबी लेकर आए गए। पहले छांव की व्यवस्था कराना चाहिए। वहीं एक महिला ने कहा कि उसके पति अस्पताल में भर्ती हैं और इधर नगर निगम ने बेघर कर दिया। सुनीता देवी ने कहा कि पहले नया ठिकाना देना चाहिए फिर कार्रवाई होना चाहिए।
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सामुदायिक भवन और पीएम आवास में जमाया डेरा
जिन लोगों का अतिक्रमण तोड़कर बेघर किया गया, वह सड़क पर आ गए थे। उनका कहना था कि शहर में कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। इसलिए निगम आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वैकल्पिक रूप से इन्हें सामुदायिक भवन में स्थान दिया जाए। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकानों के भूतल में भी डेरा जमाया है। नगर निगम के कर्मचारियों ने कहा है कि वह अपने नए ठिकानों की तलाश कर लें, जब तक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक के लिए अस्थाई तौर पर यह स्थान दिया जा रहा है।
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कई लोगों ने किराए पर दे रखा था
जिस दौरान नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण को तोडऩा शुरू किया तो वहां पर मौजूद लोगों ने अधिक विरोध नहीं किया बल्कि सूचना के बाद बाहर से आए लोगों ने हंगामा मचाना शुरू किया। इस पर अन्य लोगों ने बताया कि वर्षों से रह रहे कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का आवंटन हो चुका है और इस अतिक्रमण वाले स्थान पर उन्होंने किराए पर दे रखा था। कुछ ने तो आवास बना रखा था, साथ ही कई दुकानें भी खोल ली गई थी।
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रसूखदारों की बाड़ी भी तोड़ी
होमगार्ड आफिस के सामने से कालोनी की ओर जाने वाले मार्ग में कई रसूखदार लोगों ने भी सड़क पर बाड़ी बनाकर कब्जा जमा रखा था। इसके साथ ही सड़क के किनारे के पूरे हिस्से से अतिक्रमण हटाया गया। शुरुआत में लोग विरोध दर्ज करा थे कि गरीबों का तोड़ा जा रहा है और रसूखदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जब अमला आगे बढ़ा और सभी का तोड़ा तब वह भी संतुष्ट हुए। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले नगर निगम आयुक्त कालोनी के भ्रमण पर आए थे तो कुछ रसूखदारों ने अभद्रता पूर्वक बर्ताव भी किया था, हालांकि उस दौरान आयुक्त हंसते हुए चले गए थे। अब कार्रवाई को उसी घटनाक्रम से भी जोड़ा जा रहा है।
वर्षों पुराना आशियाना टूटा तो बेघर लोगों के छलक आए आंसू
नगर निगम की टीम ने चिरहुला कालोनी में सड़क की भूमि को कराया खाली